द्वारकाधीश बड़ा मंदिर में – विदेह जी महाराज द्वारा रामकथा का वाचन

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द्वारकाधीश बड़ा मंदिर में – विदेह जी महाराज द्वारा रामकथा का वाचन

इटारसी।
नगर की हृदय स्थली में स्थित द्वारकाधीश बड़ा मंदिर श्रद्धालु भक्तों की आस्था भक्ति भावना का केंद्र है इस मंदिर प्रांगण में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होता रहता है इसी तारतम्य में बॉम्बे से पधारे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जगतगुरु विदेह जी महाराज ने व्यासपीठ से संगीतमय राम कथा का वचन किया जिसमें महराज जी ने अपने मुखारविंद से अनेक मर्मस्पर्शी गूढ़ रहस्यों का तुलसीदास जी द्वारा रचित चौपाइयों के माध्यम से बड़े सहज सुंदर शब्दों का प्रयोग कर अर्थ , प्रमाण सहित व्याख्यान किया जो सभ्य समाज के निर्माण में बहुत ही लाभदाई सिद्ध हो सकता है प्रत्येक मानव को इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर अपने दैनिक जीवन में इसका पालन करना चाहिए ।
विदेह महाराज जी ने संत और संता में बड़ा अंतर बताया – संत हमें प्रभु के पास ले जाते हैं और संता हमें प्रभु से मिलाते हैं कलयुग में केवल एक ही संता है हनुमान जी ! तुलसीदास जी ने रामचरितमानस के सुंदरकांड में संसार की समस्त सुंदरताओं को समाहित किया है इसीलिए इसका नाम सुंदरकांड है सभी कांडों मे इसका महत्व श्रेष्ठ है इसलिए इसका नियमित पाठ करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है । राम केवट संवाद, राम सुग्रीव की मैत्री, शबरी की भक्ति, राम और शंकर एक दूसरे पूरक, अशोक वाटिका, लंका दहन , राम हनुमान की भक्ति स्नेह के आलावा गुरू- दीक्षा महत्व आदि के संदर्भ में बहुत ही सारगर्वित व्याख्यान दिए इसके आलावा नारी शक्ति, बालिका शिक्षा, जैसे सामाजिक महत्व के विषयों, संस्कारो पर भी प्रकाश डाला अपनी मधुर वाणी से श्रोताओं को चार घंटों तक मंत्रमुग्ध कर दिया । श्री विदेह महाराज जी कहते हैं मैं कोई राम कहानी नहीं यह राम -कथा सुना रहा हूं और वह भी सटीक प्रामाणिकता के साथ किसी श्रद्धालु के मन में कोई प्रश्न , शंका है तो वह निःसंकोच पूछ सकता है मैं सभी जिज्ञासाओं का उत्तर दूंगा सभी शंकाओं का समाधान करूंगा किसी को चुप करके बैठाऊंगा नहीं ।
श्रावण मास का महीना ईश्वर की आराधना, धार्मिक भक्ति भावना का महीना माना जाता है इस वर्ष श्रावण महीने में ही अधिक मास होने से इसका विशेष महत्व मना गया है । इसलिए वर्तमान समय में चारों ओर भक्तिमय माहौल बना हुआ है। इस रामकथा कार्यक्रम में नगर के श्रद्धालु भक्तों, व्यापारियों गणमान्य नागरिकों ,पत्रकारों , मातृशक्ति के अलावा ग्रामीण अंचलों के लोगों ने भी पहुंचकर श्रीराम के भक्ति रस में डूबकर राम कथा श्रवणपान कर अपने जीवन को धन्य बनाकर और श्री द्वारकाधीश जी के दर्शन कर पुण्य फल प्राप्त किया। इस कथा के मुख्य यजमान दीपक अग्रवाल थे।

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