

तिरंगा
एक रोज तिरंगा ऐसा हो
उस पर सब कुर्बान रहे,
तेरा मेरा से हटकर
अपना हिन्दुस्तान रहे |
ना हो दंगे ना हो झगड़े
सबका एक ईमान रहे,
रण में उतरे तो कृष्ण का चक्र
और घर में मर्यादा पुरुषोत्तम राम रहे |
भिन्न हो हमारे मजहब, प्रांत या भाषाएँ
एक सूर में अखंड भारत का संग्राम रहे,
घर-घर राधा, मीरा,रुक्मिणी, सीता
घर-घर में कृष्ण और राम रहे |
एक रोज तिरंगा ऐसा हो
उस पर सब कुर्बान रहे |
– नटवरलाल अबोटी
नागपूर,

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
