काव्य : जान मान ज़हान तिरंगा – जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी

जान मान ज़हान तिरंगा

जान मान ज़हान तिरंगा
सारे बिस्व में पहचान तिरंगा।
भारतीय की जान तिरंगा
श्वेताम्बर गुमान तिरंगा।
वीरों पे कुर्बान तिरंगा
आजादी में फैरान तिरंगा।
राष्ट्र की पहचान तिरंगा
वतनपरस्ति रुझान तिरंगा।
कुर्बानी पे कुर्बान तिरंगा
सूत्र एक में बंधा तिरंगा।
सत्य को सही राहें दर्शाते
इन्द्रधनुष सा भान तिरंगा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
एक सूत्र में बांधे तिरंगा।
भारत मां के वीर सपूतों
की स्वाभिमान तिरंगा।
योद्धाओं ने युगों युगों तक
कुर्बा की है जान तिरंगा।
वीर सपूत हिन्द में मिलेंगे
उनकी ये पहचान तिरंगा।
मातृभूमि पे प्राण निछा
वर पल में कुर्बान तिरंगा।
शिखर से ऊंचा
रहे झंडा हमारा,
कोई कमी न होये
हमारी शान तिरंगा।

जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
झांसी

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