काव्य : वीर सैनिक – शोभा शर्मा छतरपुर

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वीर सैनिक

सैनिक सरहद पर डटे,
भारत मां के लाल।
सबसे ऊपर देश है,
तिलक लगाए भाल।।

तिलक लगाए भाल,
खड़े हैंं ऊंची चोटी,
सर्दी गरमी बारिश,
त्याग बैठे हैं रोटी

चलती बरफीली आंधी,
तिरंगा फहराएं सैनिक।
आंख गड़ाए शत्रु पर,
ताने बंदूकें सैनिक।।

दुश्मन आंख उठाए जो,
सिंह से गरजें सैनिक।
टेढ़ी नजर उठाए,
दुश्मन को भेदें सैनिक।।

लड़ते सीना तान वीर,
दुश्मन के छक्के छुड़ाएं,
सौ सौ शत्रु मार खुद,
तिरंगे में लिपटे आएं।

मां की ममता रोए,
आंख में बहते आंसू आएं।
गर्वित होकर शान,
शहीद वीर बेटे की मां,
दिल से न्यौछावर हो जाएं।

शोभा शर्मा
छतरपुर म. प्र
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