काव्य : माँ भारत के वीर जवान – गौतम आनन्द मुंगेर, बिहार

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माँ भारत के वीर जवान

रग़ रग़ में जिनके शौर्य भरा हो जिन पर है माँ भारत कोअभिमान
ऐसे सपूत इस मिट्टी में जन्मे जो कहलाते माँ भारत के वीर जवान

है जननी जन्मभूमि ये हमारी यह मात्र धरा का एक भाग नहीं
इसकी सीमाओं कि रक्षा हेतु हम दे सकते हैं सर्वोच्च बलिदान

मानवता के हम अनुयायी हैं सदा विश्व को शांति संदेश दिया
युगों युगों का इतिहास हमारा विश्व गुरु बनकर दिया है ज्ञान

जिसके सर है मुकुट हिमालय सागर जिसके धोए नित पाँव
एक देश है श्रेष्ठ देश है ये भारत दुनिया जिसका करती गुणगान

शांतिप्रियता है अपनी परिपाटी पर शक्ति में हम कमजोर नहीं
दुःसाहस करने से पहले भारत की सेना का रखना हरदम ध्यान

अदम्य है इच्छाशक्ति जिनकी अपूर्व साहस है जिनकी पहचान
हिमालय की बर्फीली चोटी पर लिए तिरंगा डटे हुए हैं सीना तान

गौतम आनन्द
मुंगेर, बिहार

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