काव्य : आजादी का पर्व – दीप्ति खरे मंडला

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आजादी का पर्व

आजादी का पर्व मनाएं,
फिर शुभ दिन यह आया।
शान से लहराया तिरंगा ,
यह शुभ दिन फिर आया।।
आजादी का………….

आजादी के परवानों ने,
प्राणों की दी आहुति।
क्रांतिकारियों के सिंहनाद से
फिरंगी था घबराया।।
आजादी का..……..

धरती माता हुई प्रफुल्लित,
जय भारत जब उदघोष हुआ।
लाल किले की प्रचीरों पर,
राष्ट्र ध्वज लहराया।।
आजादी का……………

दीप्ति खरे
मंडला(मध्य प्रदेश)

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