

ओ ! समय के स्वांस आओ
ओ युवक ! तुम पास आओ ।
ओ ! सहज-विश्वास आओ।।
तुम सहज उत्तम प्रकृति हो ,
मित्रतामय तुम सुमति हो ।
एकता के सूत्र तुम से ,
बंधुता – अभेद तुम से।।
ओ ! समय के स्वांस आओ । …..
तुम प्रकृति से संस्कारित ,
प्राकृती सुगंध धारित ।
सहज ही तुम में निमलता ,
प्राकृतिक नमता अमलता।।
ओ ! नमल संभाष आओ । …..
तुम्हीं हो उज्जवल सवेरा ,
है न फिर तम का घनेरा ।
दु:ख तुम जग के हरोगे ,
नेह के दीपक धरोगे।।
ओ ! समय – उजास आओ ! …..
– संतोष सोनी
हिन्दी कवि,गीतकार,गजलकार
शिवपुरी-ग्वालियर-भोपाल
भोपाल ( मध्यप्रदेश ) भारतवर्ष

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
