काव्य : ओ ! समय के स्वांस आओ – संतोष सोनी,भोपाल

ओ ! समय के स्वांस आओ

ओ युवक ! तुम पास आओ ।
ओ ! सहज-विश्वास आओ।।

तुम सहज उत्तम प्रकृति हो ,
मित्रतामय तुम सुमति हो ।
एकता के सूत्र तुम से ,
बंधुता – अभेद तुम से।।

ओ ! समय के स्वांस आओ । …..

तुम प्रकृति से संस्कारित ,
प्राकृती सुगंध धारित ।
सहज ही तुम में निमलता ,
प्राकृतिक नमता अमलता।।

ओ ! नमल संभाष आओ । …..

तुम्हीं हो उज्जवल सवेरा ,
है न फिर तम का घनेरा ।
दु:ख तुम जग के हरोगे ,
नेह के दीपक धरोगे।।

ओ ! समय – उजास आओ ! …..

संतोष सोनी
हिन्दी कवि,गीतकार,गजलकार
शिवपुरी-ग्वालियर-भोपाल
भोपाल ( मध्यप्रदेश ) भारतवर्ष

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