

किशोर कुमार को गीतों के साथ काव्यमयी प्रस्तुति के माध्यम से दी गई सुरमई श्रद्धांजलि
प्रथम बार आयोजित हुआ किशोर दा की स्मृति में आयोजन
खंडवा।
नगर की साहित्यिक संस्था कवि कला संगम (ककस) के तत्वावधान में प्रथम बार किशोर नगर एलआईजी स्थित भगवतकृपा हाल में विश्व प्रसिद्ध पार्श्व गायक, हरफनमौला कलाकार, फिल्म निर्माता निर्देशक किशोर कुमार को उनके 94 वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में किशोर प्रेमियों एवं साहित्यकारों द्वारा गीतों के साथ काव्यमयी प्रस्तुति के माध्यम से सुरमई श्रद्धांजलि दी गयी। मुख्य अतिथि के रुप में नगर के उद्योगपति समाजसेवी नानकराम बजाज एवं श्रीमती नीलम बजाज उपस्थित थी। विशिष्ट अतिथि साहित्यकार डॉ जगदीशचंद चौरे एवं कार्यक्रम अध्यक्ष संस्थापक सुनील उपमन्यु थे। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा माँ शारदा एवं किशोर कुमार के छाया चित्र पर माल्यार्पण एवं उपस्थितों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित पश्चात हुई। तत्पश्चात कुमारी नेहा मंगवानी द्वारा अतिथियों का स्वागत तिलक चंदन लगाकर एवं निर्मल मंगवानी द्वारा मोतियों की माला पहनाकर स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। संस्थापक सुनील चौरे ने ककस की गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम का आगाज भजन गायक दीपक तांबट के व्दारा गणेश वंदना से हुआ। इस सुरमई आयोजन के दौरान नगर के उभरते युवा गायक योगेश बरोले, धीरज नेगी, अर्जुन बुंदेला, सुनील सोमानी, विनय सोनी, नीलम बजाज, मुकेश गांवशिन्दे, ईश्वरचंद पुरिया, बाल गायिका यशस्वी नेगी, ओमप्रकाश चौरे, सुनील उपमन्यु, कनक आरती चित्तौड़े, लीला प्रजापति, कुमकुम उपाध्याय ने सुमधुर आवाज में गीतों की संगीतमय सुरमई प्रस्तुतियां दी। वही तारकेश्वर चौरे, दीपक चाकरे, वर्षा उपाध्याय, जयश्री तिवारी ने किशोर दा पर सुंदर कविताएँ सुनायी। जिला शिवसेना प्रमुख गणेश भावसार, मप्र लेखक संघ ईकाई सचिव देवेन्द्र जैन, डॉ. जगदीशचंद्र चौरे ने किशोर दा के लम्हों को याद कर अपने विचार व्यक्त किए। इस आयोजन के दौरान मनोहर चंदानी, रमेशचंद साकल्ले, संजय पाठक, रमेशचंद्र राठौर, एन. मुजमेर, डॉ. दिनेश श्रीवाल, महेंद्र चौहान, दिनेश बरोले एवं किशोर नगर के सुधि श्रोता बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम की समाप्ति पर मचलते-झूमते हुए सभी ने “चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना” गीत की सामूहिक रुप से पंक्तियां गाई। अंत में आभार ककस प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने माना।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
