

लघुकथा
इत्तेफाक
रचना आज IAS बनकर गाँव मे लोटी थी, सभी गाँव वाले रचना के स्वागत की तैयारी जोर-शोर से कर रहे थे । गाँव के सरपंच रतनलाल ने भी बड़े ही उत्साह के साथ नयी कलेक्टर महोदया के स्वागत की तैयारियाँ की , गाँव वाले फूल-मालाओं के साथ स्वागत के लिए तैयार थे।कलेक्टर महोदया गाड़ी से उतरी और जैसे ही रतनलाल ने रचना को माला पहनाई उन्हे कुछ अपनेपन का अह्सास हुआ वो सोचने लगे क्या ये वही लड़की तो नही जिसे 25 साल पहले उन्होंने पैदा होते ही कचरे के ढ़ेर पर फेंक दिया था। क्योकि उसकी शक्ल हूबहू अपनी माँ से मिल रही थी ।
– चन्दा डांगी रेकी ग्रैंडमास्टर
मंदसौर मध्यप्रदेश

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
