

उन्मेष, एशिया के सबसे बड़े साहित्य महोत्सव में निरंजन देव भारद्वाज ने दिया उद्भोधन
ग्वालियर।
उन्मेष, अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव का आयोजन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा रविन्द्र भवन, भोपाल में किया जा रहा है। इसका उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा किया गया । मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल जी और मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
इस अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में ग्वालियर के 29 वर्षीय युवा लेखक निरंजन देव भारद्वाज को विशेष रूप से साहित्य और प्रकृति सत्र मे उद्भोद्न के लिए आमंत्रित किया गया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण हेतु साहित्य के महत्त्व पर प्रकाश डाला, जिसे बहुत सराहा गया। इस कार्यक्रम कि अध्यक्षता पदमश्री प्रसिद्ध पर्यावरणविद डॉ शेखर पाठक ने की। इस अवसर पर साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव और कुशा भाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय के कुलपति बलदेव भाई शर्मा भी विशेष रूप से मौजूद रहे। उन्मेष ,अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव में पूरे विश्व से मात्र 575 लेखक, साहित्यकार, कवि आमंत्रित किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि निरंजन देव भारद्वाज की २ पुस्तकें पर्यावरण नैतिकता और पर्यावरण रेनेंसेंस को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने प्रकाशित किया है। निरंजन देव देश विदेश में एक युवा पर्यावरणविद के रूप में जाने जाते हैं और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के विशिष्ट सलाहकार समिति ( पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और मानव अधिकार)के सबसे कम उम्र के सदस्य भी हैं। निरंजन देव ने संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशंस) की यूनिवर्सिटी ऑफ पीस (university of peace), कोस्टा रीका से एनवायरमेंट, डेवलपमेंट एंड पीस , जल वायु परिर्वतन में स्पेशलाइजेशन में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की है।
निरंजन देव भारद्वाज के नाम पर्यावरण संरक्षण और अवेयरनेस (सजगता) के विषय में आधा दर्जन TED talks भी है, जो की पूरे विश्व में सबसे ज़्यादा हैं।निरंजन देव कई देश जैसे ईरान, उज़्बेकिस्तान, नेपाल ,थाईलैंड में भी पर्यावरण संरक्षण पर व्याख्यान दे चुके हैं।
निरंजन देव डॉ. अर्चना भारद्वाज पूर्व प्राचार्य, केआरजी कॉलेज और डॉ. सोम देव भारद्वाज संगठन मंत्री विज्ञान भारती, उत्तर भारत के पुत्र हैं।
प्रेषक
मुकेश तिवारी वरिष्ठ पत्रकार ग्वालियर

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
