काव्य : कवि दिवस – अंजनीकुमार’सुधाकर’ बिलासपुर

कवि दिवस

प्रणाम!
शब्द शक्तिके
युगप्रवर्तक;
प्रणाम!
सरस्वती
लेखनी साधक।

प्रणाम!
वाणी वीणा;
प्रणाम!
कथाकल्प तुलिका।

प्रणाम!
रचना प्रवाह;
प्रणाम!
मानस अथाह।

प्रणाम!
अस्मिता के रखवाले;
प्रणाम!
साकेत,भारत-भारती
शब्द चित्र चितेरे।

प्रणाम!
प्राण हिन्दी साहित्य के;
प्रणाम!
काव्यशिरोमणि
अखिल विश्व के।

प्रणाम!
सनातन साहित्य मर्यादा
यशोधरा के विषाद प्रवण;
प्रणाम!
स्वतंत्रता के आंदोलक
क्रांति मशाल अग्नि अनल।

प्रणाम!
मैथिली राम हृदय मय
हे शुचि पावन धवल छवि;
प्रणाम!
विभूति पद्म विभूषण
हे ज्ञानपीठ पुरस्कृत राष्ट्र कवि।।

अंजनीकुमार’सुधाकर’
बिलासपुर

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