काव्य : परिवर्तन – राम शर्मा परिंदा मनावर जिला धार

परिवर्तन

खिले-खिले पलाश है
वही नीला आकाश है
सुबह भी सुहानी है
शाम भी सुहानी है
बस, बदल गई कहानी है
पिता पीते वाइन है
माँ ऑनलाइन है
सब है मस्ती में मस्त
बच्चें भी मोबाइल में व्यस्त
सहमत नहीं किसी के विचार से
शहर में घूमते कार से
सामान खरीदते
ऑनलाइन बाजार से
अपने तरीके से समय बिताते
जब मर्जी हो तब घर आते
इन्हें क्या पता
कब बीत गया रक्षाबंधन
कब बीत गई ईद
अब मेले में से
चिमटा नहीं लाता
कोई भी हामीद ।

राम शर्मा परिंदा
मनावर जिला धार मप्र

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here