

प्रेमचंद की कृतियों की मनका
महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जी
को साहित्य में ‘प्रेमाश्रय ‘मिला।
’मनोरमा’ और ‘निर्मला’ जैसी न्यारी
बाल विधवा का समर्थन कर पत्नी को पाया।
सेवा सदन’में ‘गोदान’ किया।
साहित्य ही उनकी ‘कर्मभूमि ‘।
’कायाकल्प ‘ का वरदान मिला।
’मर्यादा’में रहकर संपादन किया।
’बड़े घर की बेटी’से ‘प्रतिज्ञा’ लिया।
’पंचपरमेश्वर’का उपदेश ‘दिया।
’पूस की रात’में ‘बूढ़ी काकी ‘के लिए
‘कफन’का इंतज़ाम किया।
आपकी कृतियों को छोटी सी माला में गूँथ कर
सविता ने आपको नमन किया।
–सविता गुप्ता
राँची झारखंड

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
