लघुकथा : प्रार्थना – सुमन सिंह चन्देल मुजफ्फरनगर

लघुकथा

प्रार्थना

वे दोनों ही मन्दिर में प्रार्थना करने आई थी। एक की प्रार्थना सुनकर दूसरी को एक क्षण को उच्चाटन -सा हो हुआ।
लगभग पिचासी वर्ष की गौरांगी परन्तु कृशकाय स्त्री धीमें-धीमें बुदबुदा रही थी “हे ईश्वर! मेरे लाल को स्वर्ग देना, उसे अपने श्री चरणों में रखना। दूसरी स्त्री ने भी वही प्रार्थना दोहरा दी!

सुमन सिंह चन्देल
मुजफ्फरनगर

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