माता पिता को बच्चो को भक्ति के संस्कार देना चाहिए : मधुकर व्यास

श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर में जारी श्रीमद्भागवत कथा तृतीय दिवस

माता पिता को बच्चो को भक्ति के संस्कार देना चाहिए : मधुकर व्यास

इटारसी।
पवित्र पावन श्रावण माह के बाद पुरुषोत्तम मास में श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर में जारी संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस गुरुवार को कथाव्यास पं मधुकर व्यास ने व्यासपीठ से संबोधित करते हुए ध्रुव चरित्र, भक्त प्रह्लाद चरित्र और नरसिह अवतार प्रसंग पर कथा सुनाई।
पं व्यास ने कहा कि हिरना कश्यप सबको आदेश दे रहा है कि भक्त प्रह्लाद को खत्म करो, भस्म करो। लकड़ियों के चारों तरफ जल्लाद खड़े कर दिए गए। इस दौरान जब आग का भयानक जलवा हुआ, तब भक्त प्रहलाद ने इतना ही कहा अच्छा भगवान, अच्छा मेरे राम तेरी मर्जी और भक्त प्रह्लाद बच गए। नरसिह अवतार में हिरना कश्यप को मार कर भक्त प्रह्लाद को बचाया। भगवान की भक्ति में ही शक्ति है। उन्होंने कहा कि सभी अपने बच्चों को संस्कार अवश्य दें, जिससे वह बुढ़ापे में अपने माता पिता की सेवा कर सकें, गो सेवा, साधु की सेवा कर सकें। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। अंत में आरती कर प्रसाद वितरण किया गया।
कथा की शुरुआत में यजमान प्रमोद पगारे एवं धनराज कुशवाह सहित अमित सेठ दरबार, मोहनलाल कुशवाह बोरतलाई ने व्यासपीठ का पूजन और महाराज श्री का स्वागत किया। बता दे कि प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक कथा का श्रवण कराया जाएगा। कथा में वाद्ययंत्र ऑर्गन एवं गायन पर दीपक तिवारी, ढोलक और गायक सीताराम, मंजीरा पर दीपेंद्र दुबे संभाल रहे है। कथा के सफल आयोजन में मंदिर प्रबंधन समिति के दिनेश सैनी का महत्वपूर्ण सहयोग है।

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