

बुध्दगया “गौतम वन पुरातत्व परिसर” एवं महाबोधि कारिडोर को बचाने को लेकर मुख्यमंत्री बिहार, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में पत्र-लिखा
बुध्दगया।
72.90 एकड़ में प्रस्तावित महाबोधि कॉरिडोर एवं बुद्ध कालीन ताराडीह पुरातात्विक स्थल(गौतम वन पुरातत्व परिसर) पर स्थानीय अधिकारियों, असामाजिक तत्वों एवं भू माफिया तत्वों की मिलीभगत से करोड़ों की सार्वजनिक संपत्ति की बर्बादी, भू-अतिक्रमण, भू डकैती को रोकने, भू- माफिया तत्वों के विरुद्ध F.I.R. दर्ज किए जाने को लेकर श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, अध्यक्ष, गोपाल किरन समाजसेवी संस्था ने श्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बिहार सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि विश्व धरोहर महाबोधि महाविहार से सटे उत्तर- पश्चिम बुद्ध कालीन पुरातात्विक स्थल ताराडीह, जहां पर आज भी बुद्ध कालीन अवशेष दबे हुए हैं। वर्ष 1980 के दशक में ताराडीह स्थल को पुरातत्व विभाग द्वारा आधी अधूरी खुदाई की गई थी तथा इस क्षेत्र के निवासियों का विस्थापन कर बुद्धगया में गांव भागलपुर बसाया गया था। भू- अतिक्रमण रोकने के लिए वर्ष 2015 में 7 करोड रुपए खर्च करके ताराडीह पुरातत्व स्थल के चारों ओर बाउंड्री बना दी गई। किंतु स्थानीय प्रशासन, असामाजिक तत्वों, भू- माफिया की मिलीभगत से ₹ 7 करोड़ खर्च करके बनाई गई बाउंड्री को तोड़कर सरकार द्वारा बनाए गए भवन, स्टोर, कैंटीन, शौचालय, सार्वजनिक प्याऊ, आदि को तोड़कर नष्ट कर दिया गया। प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों की सरकारी संपत्ति की लूट की गई और ताराडीह पुरातात्विक स्थल पर बड़े पैमाने पर भू- डकैती,भू- अतिक्रमण को अंजाम दिया गया।
बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति भारत द्वारा वर्ष 2014 से आज 2023 तक निरंतर केंद्र एवं बिहार सरकार द्वारा प्रस्तावित 176.55 एकड़ में उत्खनन के बाद 72.90 एकड़ में “महाबोधि कॉरिडोर” बनाए जाने के लिए की माग करती रही है,लेकिन जो प्रयास होने चाहिए वह नहीं हुए । श्री निमराजे ने ताराडीह पुरातात्विक स्थल की सुरक्षा एवं महाबोधि कॉरिडोर बनाने के साथ-साथ महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र बुध्दगया, प्रागबोधि से बकरौर बुद्धगया 8 किलोमीटर संपर्क मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या: 82 गया- राजगीर- नालंदा का निर्माण कराने, गया बुध्दगया चतरा रेल मार्ग, मेट्रो रेल परियोजना, सुपर स्पेशलिसटी अस्पताल, बुध्दगया की सड़कों के किनारे फुटपाथ, गंदा पानी निकासी नाले, एवं सड़कों के किनारे अतिक्रमण को हटवाने, बंद पड़े शौचालयों को चालू कराने, पर्याप्त जन सुविधा परिसरों “मॉडर्न टॉयलेट” बनवाने के अलावा बुध्दगया को “स्मार्ट पर्यटक सिटी” बनवाने के अलावा बुध्दगया को हिंसा मुक्त , ध्वनि प्रदूषणमुक्त, “शांति स्थली” बनवाने के लिए केंद्र एवं बिहार सरकार से अनुरोध किया है। महाबोधि बिहार के गेट पर जो मंदिर शब्द लिखा है उसको हटाने का अनुरोध किया है।
प्रेषक
श्रीप्रकाश सिंह निमराजे
अध्यक्ष
गोपाल किरन समाजसेवी संस्था

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
