

हम इंसान कहलाने योग्य कब होंगे
मणिपुर सुलग रहा है
और देश चुप है
देश का आम आदमी चुप है
पता नहीं क्यों कुछ विशेष समुदायी लोग
अशेष समुदायी मॉ बहिन बेटियों को
निर्वस्त्र जुलूस निकालने के साथ-साथ
उनके गुप्तांगों पर प्रहार कर अस्मिता लूटते हुये
निर्लजता का खुला तांडव कर रहे हैं।
एक भीड़ की शक्ल के घिनोनेे चेहरे
आसानी से फूंक रहे है मकान-दुकान
जला रहे है राष्ट्र की संपत्ति
सड़को पर बहा रहे है इंसानियत का लहू
एक शांत प्रदेश को अशांत कर दिया है
छद्म राजनेताओ की कुत्सित चालों ने
ओर मैं चुप हूं , आप चुप है, जनता चुप है ।
मणिपुर चुपचाप जल रहा है
इस चुप्पी ने रोक दिया है सच को
सच कहना,लिखना दिखाना बंद हो गया है।
विकास की गाथाओं से रंगे हुये है अखबार
सरकारी उपलब्धिया के पाठ
चैनलों पर दिन रात पढे जा रहे है
और चार बच्चों की मॉ की प्रेमकहानी,
सीमा हैदर की जुवानी ने सुरसा बनकर
मणिपुर की त्रासदी को उदरस्थ कर लिया है।
इधर-उधर की खबरें और गपशप में
उलझाकर रखा है देश की मीडिया ने
खबरें बिकी या मीडिया,यह बात
हमाम में हम सब नंगे की तरह है।
मणिपुर की पैशाचिक घटनाओं पर
जनता का लाचार होना
देश का बेबसी जताना
कितना दर्द देता है उन्हें
जिनकी अस्मिता लुटने पर
उनका सब कुछ स्वाहा हो गया है
जनता क्यो नही तोड़ती है चुप्पी
नफरत की जंग लड़ने वाले
अमानवीय चहरों को बेनकाब क्यो नहीं करती
जाति रंगभेद की दीवार
क्यों खत्म नहीं करती
क्यों स्वार्थ लोलुप दल
दल-दल से बाहर नहीं निकलते है
ये चुप्पी खत्म होनी चाहिए
नियम कानून बनाना-हटाना
देश के संविधान के दायरे में हो
राजनीति का कुरूप चेहरा
तभी बेनकाब होगा जब जनता जागेगी
हम इतने योग्य कब होंगे
जब इंसान कहला सकें ।
–आत्माराम यादव पीव वरिष्ठ पत्रकार, श्रीजगन्नाथधाम, काली मंदिर के पीछे, ग्वालटोली,
नर्मदापुरम मध्यप्रदेश मो 9993376616

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
