काव्य : बेटियाँ – संजय वर्मा “दृष्टि ” मनावर

बेटियाँ

पायल छनकाती बेटियां
मधुर संगीत सुनाती बेटियां
पिता की साँस बेटियां
जीवन की आस बेटियां।

हाथों की लकीर बेटियां
राखी की डोर बेटियां
उचाईयों को छू जाती बेटियां
होसला बढ़ा जाती बेटियां।

चाँद -तारों से प्यारी बेटियां
उम्मीद की किरण बेटियां
मेहंदी रचाती रहती बेटियां
ख्वाबो के रंग सजाती बेटियां।

ससुराल जब जाती बेटियां
यादें घरों मे छोड़ जाती बेटियां
जब -जब संदेशा भेजती बेटियां
मन को खुश कर जाती बेटियां।

आँखों मे सदा ही बसती बेटियां
आंसू बन संग हमारे रहती बेटियां
मातापिता का बनती सहारा बेटियां
मजबूत रिश्तों का बंधन होती बेटियां।

संजय वर्मा “दृष्टि ”
मनावर जिला धार (म प्र

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