

आकाशवाणी अंबिकापुर ने तैयार किया स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर धारावाहिक
अजय चतुर्वेदी ने सरगुजा संभाग के 39 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को खोज निकाला
सेनानियों की गौरव गाथा आकाशवाणी अंबिकापुर सुन सकेंगे लोग- प्रमेंद्र कुमार
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में सरगुजा अंचल को किया गया है प्रस्तुत
अंबिकापुर।
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत सरगुजा अंचल के स्वाधीनता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथा पर केंद्रित कार्यक्रम *“सरगुजा के शान“* का प्रसारण आकाशवाणी अंबिकापुर द्वारा 23 जुलाई से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में सरगुजा संभाग के 39 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथा को शामिल किया गया है।
*प्रत्येक रविवार को रात आठ बजे किया जाएगा प्रसारण-*
इस कार्यक्रम का प्रसारण प्रत्येक रविवार को रात आठ बजे से किया जाएगा। शोध और आलेख अजय कुमार चतुर्वेदी व वाचन व संपादन अंजनी कुमार पांडेय, मृदुल गुप्ता का है। राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक अजय कुमार चतुर्वेदी ने सरगुजा संभाग के 39 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को खोज निकाला है। इनकी पूरी जानकारी एकत्रित की है । राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में भी इसे शोध के तौर पर प्रस्तुत किया गया है। इसी शोध पर आधारित सरगुजा संभाग के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गौरव गाथा अब आकाशवाणी अंबिकापुर के माध्यम से सुनने को मिलेगा। इसकी जानकारी देते हुए आकाशवाणी अंबिकापुर के कार्यक्रम अधिशासी प्रमेंद्र कुमार ने बताया कि इसे बड़े ही रोचक और भावपूर्ण अंदाज में तैयार किया गया है । स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की गौरव गाथा सुनकर लोग निश्चित रूप से भावविभोर होंगे और उनके कृतित्व व्यक्तित्व को समझ पाएंगे।
*सरगुजा अंचल के जनजातियों का योगदन-*
आजादी की लड़ाई में सभी जाति, धर्म, समुदाय के लोग देश को आजाद कराने में अविस्मरणीय योगदान दिये हैं। सरगुजा अंचल के जनजाति समुदाय के लोग भी अपने देश की खातिर आजादी की लड़ाई में कुर्बानियां दी हैं। सरगुजा गजेटियर में सरगुजा अंचल सेे जनजाति समुदाय के 3 स्वतंत्र संग्राम सेनानियों के नाम मिलते हैं। जिसमें बलरामपुर जिले के कुसमी के स्वर्गीय श्री महली भगत और शंकरगढ़ के स्वर्गीय श्री राजनाथ भगत एवं सरगुजा जिले के गांधीनगर अंबिकापुर के स्वर्गीय श्री माझी राम गोड का नाम शामिल है। जिसमें माझी राम गोड का जन्म अंबिकापुर में ही हुआ था।
सरगुजा अंचल के गुमनाम शहीद बाबू परमानंद-
सरगुजा अंचल अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश की खातिर लड़ा किन्तु वे आज भी गुमनाम हैं। ऐसे वीर सपूतों को प्रकाश में लाना ही ़”आजादी का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम की सार्थकता है। सरगुजा रियासत के सूरजपुर में ऐसे ही एक वीर सपूत बाबू परमानंद जी थे। जिन्होंने देश की खातिर महज 18 वर्ष की आयु में ही हंसते-हंसते जेल में प्राण न्यौछावर कर दिये।
*सरगुजा अंचल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पुस्तक भी प्रकाशित-*
अजय कुमार चतुर्वेदी द्वारा लिखित पुस्तक “सरगुजा अंचल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी“ पुस्तक सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) जनजाति कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से प्रकाशित हो चुकी है। राज्य योजना आयोग छत्तीसगढ़ शासन के पुरातत्व कार्य समूह के सदस्य अजय चतुर्वेदी ने बताया कि मैं विगत कई वर्षों से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को ढूंढ कर उनके घर-घर जा कर उनकी जीवन गाथा का लेखन किया। मैं अभी तक सरगुजा अंचल के सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया और जसपुर जिले के 39 ज्ञात ,अल्प ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों की को ढूंढ चुका हूं। इस पुस्तक में सभी सेनानियों की जीवन गाथा शामिल है। मुझे आशा है कि युवा पीढ़ी के लिए यह पुस्तक प्रेरणा स्रोत बनेगी।
अजय चतुर्वेदी ने सरगुजा अंचल के इतिहास, पुरातत्व, लोक संस्कृति, पाण्डुलिपि और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथा को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में प्रस्तुत कर सरगुजा अंचल को गौरवान्वित किया है।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
