

रिहाई
नफ़रतों को….. क़ैद से रिहाई दे रहा है ।
शख़्स वही मुहब्बत की दुहाई दे रहा है ।।
किये थे वादे…… साथ रहने के जिसने ।
वही ताउम्र की……….. जुदाई दे रहा है ।।
आँख में……. ख़ुशी के आंसू लिए कोई ।
बाप अपनी बेटी को….. बिदाई दे रहा है ।।
उसकी अस्मत को रखा था मेहफ़ूज़ मैंने ।
तोहफ़े में वो ही मुझे….. रुसवाई दे रहा है ।।
–डॉ वासिफ़ काज़ी
इंदौर

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
