काव्य : एक प्रश्न – कर्मेश सिन्हा ‘तनहा’ दिल्ली

एक प्रश्न

एक प्रश्न
द्रौपदी ने पूछा
दांव पर मुझे लगाया गया
चीर हरण भी कराया गया
मेरा हुआ अपमान क्यों
इसका उत्तरदायी कौन
सभासद रहे मौन

एक प्रश्न
अहिल्या ने पूछा
छली तो मैं इंद्र द्वारा गई
मगर पाषाण बना दी गई
मुझ को दंड मिला क्यों
इसका उत्तरदायी कौन
ऋषि गौतम रहे मौन

एक प्रश्न
यशोधरा ने पूछा
अपराध नहीं बताया गया
बिन बताए ही त्यागा गया
ये अभिशप्त जीवन क्यों
इसका उत्तरदायी कौन
तथागत रहे मौन

एक प्रश्न
सीता ने पूछा
मेरे पुत्रों के तो स्वयं आप थे नाथ
जिनका सारी सृष्टि पर रहता हाथ
फिर वो रहे अनाथ क्यों
इसका उत्तरदायी कौन
श्री रामचंद्र रहे मौन

एक प्रश्न
नारी ने पूछा
पहले रही मुझ पर पिता की छाया
फिर रहा मुझ पर पति का साया
मैं रही सदा पराधीन क्यों
इसका उत्तरदायी कौन
सारे पुरुष रहे मौन

कर्मेश सिन्हा ‘तनहा’
दिल्ली

1 COMMENT

  1. सदियों से यह प्रश्न यक्ष प्रश्न बना हुआ है। जो उत्तरदाई हैं,वो कभी उत्तर नहीं देंगे।
    तो आप ही बताऐं
    उत्तर देगा कौन
    सब रह जायेंगे मौन
    उत्तर बहुत जरूरी
    पर हो जाएगा गौण

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