

मन
मनहरण घनाक्षरी छंद (कवित्त)
सदा सुन मन की पुकार जान अंतस को,
उसे प्रभु आदेश समझ बस मानिए!
अनदेखी जब भी अंतर आत्मा की जो किए,
जीवन में ठोकरें खाना भी तय जानिए!
जब कभी मन के विचारों में जो द्वंद चले,
उस वक्त धीरज से राह पहचानिए!
हरि कृपा अनंत महिमा उसकी अपार,
शांत चित्त सार्थक आनंद नित छानिए!
–अरविंद सोनी “सार्थक”
(मूलतः रामपुरा मंदसौर म प्र)
रायगढ़ छ ग

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
