मधुवन के बरखा महोत्सव में गूंजे सूफी कलाम :‘छाप तिलक सब छीनी रे…’

मधुवन के बरखा महोत्सव में गूंजे सूफी कलाम :‘छाप तिलक सब छीनी रे…’

भोपाल।
‘छाप तिलक सब छीनी रे, दमादम मस्त कलंदर, हक उसने मोहब्बत का अदा’ जैसे सूफियाना कलामों से आज की शाम गुलजार थी। अवसर था कला-संस्कृति को समर्पित संस्था अभिनव कला परिषद के वार्षिक समारोह बरखा महोत्सव का।
संस्था के हीरक जयंती वर्ष में मानस भवन में आयोजित समारोह इस बार सूफी संगीत को समर्पित किया गया था। ‘सुखन सूफियाना’ शीर्षक इस कार्यक्रम का खास आकर्षण राजधानी से बावस्ता मशहूर कव्वाल मुनव्वर मासूम तथा उनकी शिष्या पूजा गायतोंडे व अमृता चटर्जी थी। इस अवसर पर संस्कृति संचालक अदिति त्रिपाठी और मशहूर शायर अली अब्बास उम्मीद बतौर अतिथि उपस्थित रहे।
सांगीतिक प्रस्तुतियों की शुरुआत अमृता चटर्जी ने बारिश पर एक दादरा से की। इसके बाद सूफी गीत-गजलों का सिलसिला शुरु हुआ। अमृता चटर्जी ने इस क्रम में पहले आज हमने उसे पुकारा सुनाया। इसके बाद छाप-तिलक सब छीनी सुनाकर श्रोताओं को संग झूमने को मजबूर किया। इसी क्रम में सांसों की माला सुनाकर वाहवाह लूटी। इसी माहौल को बरकरार रखते हुए दमादम मस्त कलंदर से माहौल को झुमाया। इसके बाद बरसन लागे सावन जैसे कलाम सुनाये। इसके बाद श्रोताओं की तालियों के बीच मंच पर मुनव्वर मासूम आये। उन्होंने पहले बिस्मिल्लाह सुनाया। इसके बाद हक उसने मुहब्बत का अदा सुनाकर श्रोताओं की दाद लूटी। आरंभ में अतिथियों ने सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। संस्था के निदेशक सुरेश तांतेड़ और अतुल तांतेड़ ने अतिथियों और कलाकारों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध शायर बद्र बास्ती ने किया।

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