

45 वर्ष : महत्वपूर्ण है बगैर भेदभाव के रचनाकारो को प्रोत्साहन देना – सतीश पाराशर,इटारसी
हर्ष का विषय है कि युवा प्रवर्तक 10 जुलाई को अपने 45 वर्ष पूर्ण कर रहा है,साप्ताहिक अखबार में एक आध अपवाद छोड़ दें तो कौई भी इतना लंबा समय पूर्ण नही कर पाया।
युवा प्रवर्तक न केवल जारी है बाल्कि समय से कदमताल मिलाते हुए अब वेव पोर्टल के रूप में भी विश्व मे अपना एक मुकाम बना चुका है।
मुझे याद है मेरी पहली व्यंग्य काविता वाजपेई जी की पहली सरकार बनने पर तीनो वादे भुलाने पर तथा आडवानी वार्ता शीर्षक से आपने ही युवा प्रवर्तक में प्रकाशित की थी,जब गैरेज लाइन से युवा प्रवर्तक प्रिंट स्वरूप।में निकला करता था।
आपकी लगन,मेहनत और बगैर भेदभाव के रचनाकारो को प्रोत्साहन देने के गुण, एवं निभीकता से पाठको की बात रखने के हौसले ने ही युवा प्रवर्तक को यह ऊंचाई दी है।
बहुत बहुत बधाई।
– व्यंगकार,सतीश पाराशर
इटारसी।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
