

45 वर्ष:युवा तेवर के पत्रकार और अखबार की पांच दशक लंबी यात्रा:संघर्ष की बेमिसाल दास्तां -अमिताभ शुक्ल
प्रतिभा ,लगन और परिश्रम सुफल प्रदान करते हैं.
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भाई देवेंद्र सोनी जी की लगभग पांच दशक की दीर्घ यात्रा है.
मात्र १८ वर्ष की आयु में लिए गए संकल्प के द्वारा उन्होंने वह सब हासिल किया जो एक समय में अकल्पनीय था .
मुझे स्मरण हे कि,उस समय तक अर्थात ४५ वर्ष पूर्व पत्र ,पत्रिकाओं में मेरे भी लेख प्रकाशित होने लगे थे ( मैं और देवेंद्र जी हमउम्र हैं) जब देवेंद्र जी पत्रकारिता का विधिवत शुभारंभ कर रहे थे . प्रदेश के शीर्षस्थ समाचार पत्रों और राष्ट्र स्तर की पत्रिकाओं में मेरे लेखों के नियमित प्रकाशन के कारण मुझे भी पत्रकार समझा जाने लगा था.
उस दौर में ही एक दिन देवेंद्र जी ने युवा प्रवर्तक का जिक्र मुझसे किया था और मेरे लेखों और उनके प्रकाशन के संबंध में भी जिज्ञासु प्रवृत्ति से जानकारी लिया करते थे.
आपके व्यक्तित्व के गुणों को कम शब्दों में कहूं तो : अटूट लगन , समर्पण , शांत और धैर्यपूर्ण स्वभाव आदि जिनके कारण बहुत कम आयु में और घोर परिश्रम से उन्होंने यह कीर्तिमान स्थापित किए हैं.
उस आयु में दुबले ,पतले ,आंखों में लगन की चमक और तेज गति से पैदल चलते ,भाग दौड़ करते हुए देवेंद्र जी को देख कर मुझे आश्चर्य और कौतूहल होता था . आखिर , जो सपने उन्होंने पाले थे ,उन्हें पूरा जो करना था उन्हें .
दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात बिना किसी पारिवारिक पृष्ठभूमि और अकूत पूंजी के उन्होंने यह प्रकल्प प्रारंभ किया था . समाचार ,रिपोर्टिंग , विज्ञापन , मुद्रण , विक्रय , जन संपर्क सब अकेले की दम पर .
इस अनवरत यात्रा में वह निष्पक्ष और तटस्थ रहे , कोई लेबल अपने ऊपर नहीं लगने दिया ,कोई विचारधारा स्वयं पर हावी नहीं होने दी ,सबसे सहज और मैत्री पूर्ण संबंध बनाए रखे.
युवा प्रवर्तक के विस्तार और लोकप्रियता में देवेंद्र जी की अगाध साहित्य साधना और लेखन की भी भूमिका रही.
साहित्य सृजन बिना गहन अध्ययन के संभव नहीं होता और यह गुण किसी भी बात की तह और सत्य में जाने की प्रेरणा देते हैं.
युवा प्रवर्तक देवेंद्र जी के इन्हीं गुणों के कारण आगे बढ़ा क्योंकि ,इन्होंने आगे बढ़ ,बढ़ कर प्रकाशन की नई ,नई विधियों को अपनाया ,जिले और प्रदेश के अन्य स्थानों की सघन यात्राएं करते हुए समाज ,लोगों और जन व्यवहार को गहराई से समझा जो पत्रकारिता में भी सहायक हुआ.
आज भाई देवेंद्र जी के पास ख्याति ,सम्मान,सुखी पारिवारिक और सामाजिक जीवन सब है . जिसकी पृष्ठभूमि में उनकी प्रतिभा और सपनों को पूरा करने की 45 वर्षों की दीर्घ संघर्ष यात्रा है.
लेकिन , युवा तेवर लिए हुए देवेंद्र जी और उनका पत्र पूरे गांभीर्य के बावजूद जोश और तेवर में आज भी युवा हैं.
युवा प्रवर्तक और भाई देवेंद्र जी को अनेक बधाइयां और शुभ कामनाएं .निश्चित ही उनका संघर्ष और सफलताएं प्रेरक और यशश्वी हैं .
आज भी वह पत्रकारिता के माध्यम से समस्याओं को सामने लाने और श्रेष्ठ साहित्य को प्रकाशित कर समाज में विकास करने के अपने मिशन में तल्लीन हैं यह अत्यंत आल्हादकारी है.
– अमिताभ शुक्ल
अर्थशास्त्री

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।

परिश्रम, विश्वास और प्रतिभा के साथ निष्पक्षता आदरणीय देवेंद्र सोनी जी की विशेषता है। युवाप्रवर्तक को समय के साथ जोड़ने वाले सभी हाथों को बहुत बहुत बधाइयाँ!💐💐
इटारसी के वरिष्ठ पत्रकार श्री देवेन्द्र सोनी जी को 45 वर्ष लम्बी. जुझारू. निष्पक्ष, गाँव , ढाणी से नगर औऱ महानगर औऱ राष्ट्रीय से अंतराष्ट्रीय स्तर पर पैदा होते घटनाक्रमों पर सलीकेदार पत्रकारिता करते रहने पर हर्दिक बधाई व शुभकामनाएँ! आप न सिर्फ पत्रकार है परन्तु पत्रकारिता के एक मंजे हुए शिक्षक भी है | इन दिनों संयुक्त राज्य अमेरिका प्रवास पर होने पर भी आपने मुझे मेरे शहर औऱ देश से जोड़े रखा है | आपको धन्यवाद | मेरी ईश्वर से प्रार्थना है आपकी कलम इसी तरह निडर, निष्पक्ष , निःस्वार्थ व निर्बाध सतत चलती रहे |
डॉ सुभाष पंवार, न्यू यॉर्क, यू एस ए