7 जुलाई :विश्व चॉकलेट दिवस मनाये पर चॉकलेट न खाये! ​- डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन ,भोपाल

7 जुलाई :विश्व चॉकलेट दिवस मनाये पर चॉकलेट न खाये! -विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन ,भोपाल

आजकल रासायनिक खाद्य सामग्री और अपमिश्रण के कारण यह समझ पाना कठिन हो गया हैं की कौन सामग्री सेवनीय हैं या असेवनीय .कारण उनमे मांसाहार जनित सामग्रियों या रसायनों का उपयोग कर न केवल हमारा स्वास्थ्य ख़राब कर रहे बल्कि हमे धर्म भ्र्ष्ट कर रहे हैं .इनके चयन में सावधानी रखना आवश्यक हैं .
जबकि कई गहरे और सफेद चॉकलेट शाकाहारियों के लिए उपयुक्त माने जाते हैं, कुछ चॉकलेट ऐसे भी हैं जिनमें व्हेय पाउडर का उपयोग किया जाता है जिसमें रेनेट नामक एक एंजाइम होता है, जो वध के बाद बछड़े के पेट से निकाला जाता है।पिछले कुछ समय से टॉफियों तथा चॉकलेटों का निर्माण करने वाली अनेक कंपनियों द्वारा अपने उत्पादों में आपत्तिजनक अखाद्य पदार्थ मिलाये जाने की खबरें सामने आ रही हैं। कई कंपनियों के उत्पादों में तो हानिकर रसायनों के साथ-साथ गायों की चर्बी मिलाने तक की बात का रहस्योदघाटन हुआ है।
गुजरात के समाचार पत्र ‘गुजरात समाचार’ में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार, ‘नेस्ले यू.के. लिमिटेड’ द्वारा निर्मित ‘किटकैट’ नामक चॉकलेट में कोमल बछड़ों के ‘रेनेट’ (मांस) का उपयोग किया जाता है।
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि ‘किटकैट’ बच्चों में खूब लोकप्रिय है। अधिकतर शाकाहारी परिवारों में भी इसे खाया जाता है।
नेस्ले यू.के.लिमिटेड की न्यूट्रिशन आफिसर श्रीमति वाल एन्डर्सन ने अपने एक पत्र में बताया किः ‘किटकैट के निर्माण में कोमल बछड़ों के रेनेट का उपयोग किया जाता है। फलतः किटकैट शाकाहारियों के खाने योग्य नहीं है।”
ऐसे हानिकारक उत्पादों के उपभोग को बंद करके ही हम अपनी संस्कृति की रक्षा कर सकते हैं। इसलिए हमारी संस्कृति को तोड़ने वाली ऐसी कम्पनियों के उत्पादों के बहिष्कार का संकल्प लेकर आज और अभी से भारतीय संस्कृति की रक्षा में हम सबको कंधे से कंधा मिलाकर आगे आना चाहिए।
विश्व चॉकलेट दिवस हर साल 7 जुलाई को मनाया जाता है. चॉकलेट एक ऐसा व्यंजन हैं जो सबको पसंद होता है. चॉकलेट को किसी को भी उपहार में देने से सभी तरह के अवसाद, ग़लतफ़हमी और दुःख दूर हो जाते है. साथ ही इसके माध्यम से लोग एकजुट होकर एक साथ रहते हुए अपने रिश्तों में मिठास घोलते हैं. यह विभिन्न स्वादों में पाया जाता है, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हर रोज डार्क चॉकलेट का सेवन कुछ मात्रा में लेना स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है.
चॉकलेट दुनियाभर में बहुत लोकप्रिय है, ऐसी चर्चा है कि इसे यूरोप में पहली बार 7 जुलाई, 1550 को शुरू किया गया था. इसके बाद 1995 में फ़्रांस द्वारा चॉकलेट दिवस की शुरुआत की गयी थी. इस दिन को वहाँ सबसे पसंदीदा छुट्टी का दिन भी माना जाता है. चॉकलेट का निर्माण दूध, अखरोट, किशमिश और विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थ को चीनी और कोको पाउडर के साथ मिलाकर किया जाता है. चॉकलेट एक उच्च स्तर का पौष्टिक खाद्य पदार्थ है. जिसे लोगों द्वारा बहुत पसंद किया गया और आज भी किया जा रहा है. इस वर्ष चॉकलेट को यूरोप के द्वारा खोजे गए 466 वर्ष के पुरे होने के रूप में भी मनाया जायेगा.
इस दिन उत्सव के रूप में लोग चॉकलेट का आदान प्रदान करते है. इस वजह से इस दिन चॉकलेट की खपत ज्यादा होती है. इस दिन आप अपने पसंदीदा चॉकलेट के साथ जैसे की दूध चॉकलेट, हॉट चॉकलेट, चॉकलेट कैंडी बार, चॉकलेट केक या कोई भी चॉकलेट से बनी चीजों का आनंद ले सकते है. चॉकलेट एक ऐसा माध्यम है, जो दो दिलों को जोड़ते हुए उनके बीच रिश्तों को मजबूत बनाने में भी सहायक होता है. इस दिन हर कोई स्थानीय कैंडी स्टोर या बेकरियों से चॉकलेट को खरीदकर अपने प्रियजनों को उपहार स्वरुप देते हैं. इसको युवा वर्ग के लोगों द्वारा बड़े उत्साह के साथ पुरे देश में मनाया जाता है.
चॉकलेट खाने के लाभ
हर दिन या हफ्ते में दो या तीन बार डार्क चॉकलेट को खाने से स्वास्थ्य ठीक रहता है, इस लिए यह विशेष दिन स्वास्थ्य लाभ में योगदान करने के लिए भी मनाया या शामिल किया जाता है.
चॉकलेट एंटी ओक्सिडेंट का पावरहाउस है, जिस वजह से वृद्धावस्था का असर देरी से होता है.
चॉकलेट चेहरे पर निखार लाते हुए ये इसे जवां रखने में भी सहायक है. चॉकलेट फेसपैक और हेयरमास्क के घरेलू नुस्खे यहाँ पढ़ें.
यह शरीर से अनावश्यक पदार्थों को निकाल कर पेट को साफ़ रखने में भी सहायक होता है.
इस दिन को खुश होने के लिए मनाया जाता है प्रारंभिक अनुसन्धान से यह पता चला है कि चॉकलेट के सेवन से कैंसर, खांसी और ह्रदय रोग होने की सम्भावना कम हो जाती है.
कोको का मस्तिष्क पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, यह आपकी मेमोरी को बढ़ाने में मदद करता है, साथ ही इसमें जीवन विस्तार करने के गुण भी मौजूद रहते है, यह अवसाद को भी खत्म करने में सहायक है.
अगर आप चॉकलेट का सेवन करते है तो आप अधिक समय तक व्यायाम करके अपने आप को स्वास्थ्य रख सकते है. ऐसा माना जाता है कि कोको में मौजूद नाइट्रिक ऑक्साइड कोशिकाओं में रक्त के प्रवाह को अच्छी तरह से संचारित करने में मदद करते है.
कारण
इस दिन किसी अनजाने व्यक्ति को भी आप चॉकलेट को देकर उससे अपना प्यार दिखाया जाता सकते है. यह दिन प्यार के महासागर में गोते लगाने का दिन होता है अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का दिन होता है. इसमें सबसे पहला यह कारण आएगा कि चॉकलेट हर इन्सान को बहुत पसंद आता है चाहे वह किसी भी उम्र का हो. यह खाने में स्वादिष्ट लगता है, यह हर किसी के जीवन में एक पसंदीदा स्वाद लाता है. यह पश्चिमी संस्कृति का उत्सव है, जो दुनिया भर के लोगों में चॉकलेट के माध्यम से वास्तविक प्रेम को लाने में क्रांतिकारी कार्य कर रहा है. यह दिन आपको अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए होता है, अपनी सफलताओं को इनाम देकर अपनों को चॉकलेट का उपहार देकर उनसे अपने रिश्तों को नई उर्जा देने और उनके साथ ख़ुशी मनाने का दिन होता है. इस दिन को किसी भी उम्र वर्ग के लोग खुश हो कर मनाते है.

विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन
संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here