

कैसा कैसा पानी रे !
कितना पानी कैसा पानी?
रंग दिखावत पानी रे!
खेत में बरसा अमृत पानी,
कुएँ में राहत पानी रे!!
ताल तलैया मछली, पानी,
झोपड़ आफत पानी रे!!
छुट्टी लेकर पिया पधारे,
सजनी चाहत पानी रे!!
गौने की चिट्ठी आई है,
मीठा दावत पानी रे!!
पर्वत पहाड़ नदी सहेजे,
सौंदर्य विरासत पानी रे!!
पिया मिलन मे लगता जैसे,
आग लगावत पानी रे!!
–सुरेश गुप्त ग्वालियरी
विंध्य नगर बैढ़न

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
