

उऋण हो नहीं सकते हम उनके
उऋण हो नहीं सकते हम उनके,
निर्मित किये,हमनेजो सपने देखे ।
अमूल्य जीवन अमानत, मां पिता भाईबहन ,परिजनों को वंदन।
सर्वोच्च शिखर पहुंचाने ,मिले सभी पूज्यजनों का पूजन।
जीवन की राह, आगे बढ़ाने वाले सभी गुरुजन होते हैं।
ज्योतिर्मय हमको करने वाले, सम्माननीय ही रहते हैं।
गीली मिट्टीसी जिंदगी, हर दिशा में आगे बढ़ाया।
कैसी जगाई ज्योति अपूर्व, महिमामयी हमको बनाया।
अक्सर जीवन में प्रकाश कर हमारे,वे पीछे रह जाते हैं।
कभी न मांगें गुरु दक्षिणा ,उऋण हम कभी नहीं हो पाते हैं।
संघर्षों से उत्कर्ष,अंधेरे से आलोक ,अन्याय से न्याय प्राप्ति।
अंतर्मन प्रज्वलित चिंगारी, दुनियामें सर्वोत्तम की दीप्ति।
भविष्य निर्माता जीवनदाता,हर गुरुका अभिवादन करते हैं।*
जीवन में आये सभी अध्यापक हमारे प्रणम्य होते हैं।*
– शक्ति अलका मधुसूदन पटेल
जबलपुर म प्र

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
