

मौसम और अंगड़ाई
आज
जैसे चिड़िया
उड़ी है फुर्र से,
वैसे फुर्र से
उड़ गई है ठंड,
आज
जैसे पाहुना
आता है बिन बताए
वैसे ही सूरज
लेकर आया तेज धूप ,
आज
जैसे बच्चा
खुश होता है
आइसक्रीम पाकर
वैसे ही नीम
के पत्ते खिलखिलाए,
आज
जैसे भूख पेट से
लिपट पड़ती है
वैसे ही लिपट रही है
गेहूं की बाली,
आज
जब दिन बढ़ने
लगे हैं बित्ते बित्ते
तो सियासी समर
के दिन बचे
हैं कित्ते,
– जय प्रकाश पाण्डेय
जबलपुर

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
