लव जिहाद – प्रियंका कुमारी मानगो, जमशेदपुर

आलेख

लव जिहाद

‘लव जिहाद’ षडयंत्र के तहत मुस्लिमों द्वारा,सनातन धर्म और संस्कृति के विरुद्ध छेड़ा गया एक ऐसा संकट सिद्धांत है जो हिन्दू और मुसलमानों को दो राह पर खड़ा कर दिया है।
लव जिहाद का शाब्दिक अर्थ समझें तो इसका अर्थ हुआ, हिन्दू लड़कियों को मुसलमान पुरुषों द्वारा,प्रेम के झांँसे में फँसाकर धर्म स्थान्तरण करवाना।
सनातन संस्कृति को हेय दृष्टि से नीचा दिखाने वाले दुराचारि हिंसक असुर का रुप धर सड़कों पर इस प्रकार विचर रहे हैं जैसे मानो आतंवादी विचार धारा फैलाने के बाद उनका राज्य हो जाएगा।
वे भूल गए कि हम वो सिंह है जिसकी गर्जना से पृथ्वी रुपी जंगल थर्रा उठेगी।
सोते सिंहो के आगे हर
जीव छेड़ता रहता है।
पलके खुलते उसके आगे
कोई जीव नहीं ठहरता है।।

ठीक यही दशा अब हिन्दूत्व की होने वाली है।
अब वी दिन दूर नहीं कि हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई,
आपस में सब भाई भाई, के नारे में परिवर्तन होगा। लव जिहाद की आसुरी शक्तियाँ पूरी तरह नष्ट हो सात्विकता की परिचायक बनेंगी ही।
2009 से जिस तरह लव जिहाद में गति आई है, इसके जिम्मेदार हम सब हैं।
अपने धर्म के प्रति मुस्लिम कट्टर हैं, उनका किसी और धर्म में परिवर्तित होना इस्लाम के विरुद्ध है,वे प्रत्येक शुक्रवार को सभी एक साथ अपने धर्म के प्रति निष्ठा दिखते हैं ,परन्तु हमारे ही देश में रहकर हमारी संस्कृति को नष्ट करने, सनातन की गुणवत्ता को महत्वहीन करने में पीछे नहीं हैं। और हम क्या करते हैं, अपने व्यक्तिगत जीवन में इस प्रकार लिप्त हैं कि अपनी धर्मनिष्ठा के लिए समय नहीं हैं। और इसी का वो फायदा उठा रहे हैं।
अगर हम गणना के हिसाब से देंखे तो 1951 से 2020 के बीच लगभग देश की आबादी में हर साल एक करोड़ 14 लाख हिंदू जुड़ते रहे।
वहीं मुसलमानों की तादाद हर साल 25 लाख बढ़ती रही।आँकड़ों को देखें तो 2021 तक लगभग 3000 से 4000 के बीच धर्म स्थान्तरण हो चुके हैं।

कहाँ सो रहे सनातन के अनुयायी,
अब तो आँखे खोल कर तू देख।
हिन्दू संस्कृति पर संकट मँडराता,
जागो जगकर देखो वेदों की लेख।

मही सिहरती सम्पूर्ण गगन देखता,
धड़ल्ले पसरता दैत्य लव जिहाद।
पिरो कर एक सूत्र में हिन्दूत्व को,
खत्म करो खल को कर घोर नाद।

ये लव जिहाद माया जाल जग में,
फैला क्यों हमें ही भटका रहा है।
हमारे ही धर्म का सम्मान सम्मुख,
हमारे क्यों नित नित घटा रहा है।

शक्ति बनो सशक्त बनो बनकर,
दानव दल दलन अब शीघ्र करो।
मतिभ्रम त्याग धर्म रक्षण में लगो,
भारतभगिनी रक्षा अतिशीघ्र करो।

ज्वाला है अब सुलग सुलग उठी,
सनातन धर्म का उठो हुँकार भरो।
बस ;अब तो बहुत हुआ और नहीं,
संरक्षक बन पग में रफ्तार भरो।

ज्वाला है अब सुलग सुलग उठी,
सनातन धर्म का उठो हुँकार भरो।

ये लव जिहाद हमारे धर्म के लिए ही खतरा क्यों बन रहा है, उनके लिए क्यों नहीं?
कारण हम सभी जानते हैं: क्योंकि हम स्वयं को भूलने लगे, अपनी संस्कृति को भूलने लगे, आधुनिकीकरण की चकाचौंध में अपनी धर्म श्रृंखला को भूलने लगे, अपने खान पान, पहनावे से लेकर, व्यवहार तक में परिवर्तन करने लगे, और इसका फायदा दुराचारि मुस्लिम समुदाय उठाने लगी।
लव जिहाद का नारा हमारी बेटियों के लिए ही खतरा क्यों?
आईए हम सभी संग्रहित हो, अपने धर्म की शिक्षा अपनी संतानों को दें, समाज को दें, अपने राष्ट्र को दें।
वेदों की सार्थकता वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझें, पौराणिकता को समझें, अपनी परंपराओं को जाने।
सनातन संस्कृति से बड़ा कोई धर्म नहीं है, हमारे संस्कृति में अखंड भारत का भविष्य है, हमारी प्रतिष्ठा, हमारा लक्षित भविष्य है। अपने हिन्दू धर्म का सम्मान कर हम लव जिहाद को मटियामेट कर सकते हैं, अपनी बेटियों की प्रतिष्ठा को हनन होने से पहले उनकी मर्यादा की रक्षा करें।
सही शिक्षा प्रदान कर हिन्दू राष्ट्र की रक्षा करें।
और भयावह बन रहा लव जिहाद का अंत करें।

ज्वाला है अब सुलग सुलग उठी,
सनातन धर्म का उठो हुँकार भरो।
बस ;अब तो बहुत हुआ और नहीं,
संरक्षक बन पग में रफ्तार भरो।

प्रियंका कुमारीमानगो,
जमशेदपुर।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here