

लव जिहाद
रोज कटती है बेटियॉं
कभी फ्रिज में तो कभी सड़क के किनारे पर
मरी मिलती है बेटियॉं।
कहीं अब्दुल है तो कहीं हम्जा
बस फरमान है जिहादी लव का
और घर की संस्कृति, संस्कार
सब को ताक पर रखकर
आधुनिक शिक्षा और फूहड़ता और नग्नता
को फेमिनिज्म का नाम देकर
अपनी असंतुष्टि को बाहर तुष्टि बताकर
सब कुछ देखते हुए भी सब कुछ समझते हुए भी
बार-बार लगातार,हर पल,हर क्षण
इन छिपे हुए शिकारियों का शिकार होती है बेटियॉं।
तड़पती हैं सिसकती हैं
मगर फिर भी
ना जाने क्यों
घर की लाडली
लव जिहाद का शिकार होती हैं बेटियॉं।
कमी किसकी है कोई नहीं जानता
सरकार मौन है मगर कोई नहीं मानता
देश की अंदर बिल खोदकर छिपे इन अजगरों को
सनातन धर्म की अग्नि से जलाना होगा।
लव जिहाद की शिक्षा से प्रशिक्षित इन मुल्लाओं को
अब भारतीय संस्कृति और पुरातन सभ्यता के अभिमान से भगाना होगा,
प्रशिक्षित करनी होंगी जन्म से बेटियॉं
झांसी की रानी और पद्मावती की कहानियों से,
चरित्रवान बनानी होंगी जन्म से बेटियॉं
खत्म करनी होगी आधुनिकता के नाम पर आधुनिक शिक्षा की नींव
देश प्रेम और देश भक्ति की अलख को घर-घर में जगाना होगा
लव जिहाद की शिक्षा से प्रशिक्षित इन मुल्लाओं को
सनातन धर्म की अग्नि से जलाना होगा।
–बरखा सिंह
अयोध्या

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।

बहुत बहुत धन्यवाद 🌹