

प्रेम कर लो राम से
जीवन में धर्म ही एक मात्र ऐसी चीज है जो हमारे साथ रहती है और हमारे साथ आगे भी जाती है । तभी तो कहते हैं कि प्रेम कर लो रामसे । भूतकाल से हम सीखते है । वर्तमान में हम दीखते है और भविष्य के लिए करते है अपनी आगे की तैयारी । एक नई कल्पना के साथकई कलाएं सीखते है ।बीता हुआ समय वापिस कभी लौट कर नहीं आता हैं ।रहती है तो उसकी स्मृतियाँ।हम्हें आगे के जीवन को सफलबनाने के लिये आने वाले समय की रूप रेखा बनानी चाहिये और बीते समय का अनुभव भी उपयोग में लेना चाहिये।बीते समय काअनुभव आने वाले समय में ग़लत ठोकरों से बचाता है।मोटर गाड़ी में rear-view Mirror बहुत छोटा दिखाता है पर आगे का wind shield उससे कई गुना ज़्यादा और काफ़ी दूर तक रास्ता दिखाता है।इसलिए आगे का सोचो और आगे बढ़ो। हर इंसान को नदी सेसीख लेनी चाहिये कि चाहे कितनी भी विषम परिस्थिति आये अडिग रहो,जीवन में छल कपट नहीं सरल बनो,कभी अच्छे क़ार्य करकेनाम के पीछे मत भागो,हर समय पर हित की भावना रहे और मन इतना सरल हो जैसे एक छोटे बच्चे का।कहते हैं ना कि बच्चे के दिल मेंभगवान का वास होता है क्योंकि उसका मन सरल होता है।और जीवन में सत्कर्म करते करते इस दुनियाँ से विदा हो जाओ। क्योंकिजिन्दगी जब तक हमारी रहेगी तब तक हमे काम से फुरसत नहीं होगी । इसलिये इस जीवन में कुछ समय हर दिन ऐसा निकालो जिससेप्रेम कर लो राम से। आगे यही धन साथ में जायेगा ।
– प्रदीप छाजेड़
बोरावड़

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
