अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच की मासिक काव्य गोष्ठी ऑनलाइन संपन्न

अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच की मासिक काव्य गोष्ठी ऑनलाइन संपन्न

भोपाल।
श्री नरेश नाज़ द्वारा स्थापित अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच की मध्यप्रदेश इकाई की अध्यक्ष जया आर्य ने बताया कि आज उनकी मासिक काव्य गोष्ठी ऑनलाइन संपन्न हुई जिसमें मुख्य अतिथि थी महाराष्ट्र इकाई की अध्यक्ष श्रीमती सुवर्णा जाधव विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार मध्यप्रदेश लेखिका संघ की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती उषा जायसवाल।
सरस्वती वंदना मीनाक्षी सिलाकारी ने प्रस्तुत किया जया आर्य ने सबका स्वागत किया और अपनी पंक्तियां भी सुनाई

उन्होंने कहा “नारी तेरे दूध का कर्ज कोई उतार नहीं सकता बनके दीपशिखा तुमने किरणों को है थामां,
जीवन ज्योत जलाकर तुमने घर बाहर है सम्हाला,
सबको सहारा देकर तुमने अब सहारा क्यों मांगा।”

करुणा दयाल ने कहा “नारी तुम अबला नहीं जग जननी हो” जनक कुमारी बघेला ने कहां “नारी बिना नर नहीं नारी बिना घर नहीं, अबला का तमगा क्यों नारी तूने लगाई।” कांति खरे ने कहा “ध्यान साधना बहुत जरूरी है इस जीवन में, सुख तभी मिलेगा हमको चंचल मन में” छत्तीसगढ़ की अनीता झा ने कहा “हां मैं आजादी के लिए जीती हूं।” कुशल संचालन उपाध्यक्ष श्रीमती कमल चंद्रा ने किया, विद्या श्रीवास्तव ने सुंदर आभार प्रदर्शित किया कुल 25 कवि गणों ने हिस्सा लिया अमित मालवीय ने क्या कहा ध्यान साधना बहुत जरूरी,
मृदु सक्सेना की बात थी” सुख में तो दिखाई देते हैं सब पर तनहाई में हो जाते हैं गायब” पुनीत चंद्रा ने नारी को चांद की चांदनी से तुलना की नारी को गीता की श्रेष्ठ कृति बताया सुनीता केसवानी ने एक छोटा सा काश मेरे लिए भी चाहिए जैसी सुंदर बात की वीरेंद्र श्रीवास्तव ने चांद से बातें की विनोद जैन अपनी उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत की
श्रीमती उषा जायसवाल ने सभी की कविताओं को उत्कृष्ट बताते हुए उन पर अपनी टिप्पणी की और श्रीमती सुवर्णा जाधव ने आदिकाल से अब तक नारी में हुई प्रगति और अभी आगे भी जो आवश्यकता है उस पर जोर दिया आभार श्रीमती विद्या श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया।

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