
ग़ज़ल
इस जमाने में ये क्या अजब हो गया
खेल नफ़रत का देखो गज़ब हो गया
जब सड़क पर चलो, हर तरफ़ हो नजर
रोड अब हादसो का सबब हो गया
कौन जाने कि दुनिया मे रब है कहाँ
प्यार जिसने दिया वो ही रब हो गया
हमने जीना शुरू ही किया था यहाँ
सांझ का वक़्त जीवन मे कब हो गया
कौन है जो ये दावा यहाँ कर सके
ज़ीस्त में उसने चाहा जो सब हो गया।
डॉ राज बाला ‘राज’
राजपुरा,हिसार हरियाणा

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।