
वक़्त
जो दुनिया में ताकतवर है,
जिसके रोम रोम में स्वर है ।
जिसको चाहे ये वही विजय,
जिसको चाहे वही पराजय ।
जिसको चाहे वही अजय है,
यही समय है यही समय है ।।
समय के ऊपर हाथ न कोई,
इसको गर रखे साथ न कोई।
अधिकार विजय को खोता है,
वो स्वीकार पराजय करता है।
जिसने कौरव को दिया पराजय,
यही समय है यही समय है ।।
© कीर्ति तोमर,दिल्ली

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।