

भगवान परशुराम जन्मोत्सव घरों में भव्य दीपक व पीले वस्त्र पहनकर के मनायेंगे- पं कृष्णकान्त तिवारी
इटारसी।
इस वर्ष भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव 3 मई 2022 को पूरे जिले में भव्यता के साथ मनाया जावेगा। प्रति वर्ष वैषाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान परशुराम जगत के पालनहार विष्णुजी के छठे अवतार है। भगवान परशुराम जन्मोत्सव को लेकर के ब्राम्हण महासभा के पदाधिकारी व चर्चित समाजसेवी पं कृष्णकान्त तिवारी ने बताया, कि भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव 3 मई को भव्य रूप से पूरे जिले में मनाया जावेगा, जिसमें विभिन्न जगहों पर धार्मिक अनुष्ठान तथा पूजा-पाठ का आयोजन किया जावेगा व जिले में अनेक जगहों पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जावेगा। इसके साथ ही पं कृष्णकान्त तिवारी ने बताया, कि इस वर्ष हम सभी विशेष रूप से पीले वस्त्र धारण करेंगे तथा सायं के समय समस्त धर्मप्रेम बंधू अपने-अपने घरों को दीपक से जगमग सजायेंगे। पं तिवारी ने समस्त जिले के बंधूओं को भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव को लेकर के आवाहन करते हुये कहा, कि जो भी भाई किन्हीं कारणोंवस कार्यक्रम करने में या सम्मलित होने में समक्ष नहीं है वे अपने घरों में दीपक अवशय जलायें। लोगों में भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव को लेकर के जागरूकता पर पं तिवारी ने बताया, कि प्रत्येक वर्ष लोगों में जागरूकता अत्याधिक होती जा रही है। पहले लोग जागरूक नहीं थे तो धार्मिक आयोजन भी छोटे प्रारूप में आयोजित किये जाते थे परन्तु जिस तरह से लोग जागरूक हो रहे हैं उससे धार्मिक अनुष्ठानों की भव्यता भी लगातार बढ़ रहीे है। भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव को लेकर के एक विशेष रूझान पर भी युवाओं द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है जिसमें सोशल मीडिया के माध्यम से सभी युवा स्वयं व अपने परिचित बंधुओं से पोस्ट को डालकर के भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव में भव्यता प्रदान करने का कार्य करेंगे। पं कृष्णकान्त तिवारी ने कार्यक्रम की सफलता को लेकर के कहा, कि निष्चित तौर पर प्रति वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव भव्य रूप से मनाया जावेगा।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
