

आरिणी साहित्य समूह, मेलबोर्न की अंतर्राष्ट्रीय काव्यगोष्ठी आयोजित
भोपाल।
आरिणी साहित्य समूह, मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया ने आज आॅनलाइन पटल जूम पर के काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम का आयोजन आरिणी साहित्य समूह मेलबोर्न की अध्यक्ष अमिता शाह ने किया । सचिव सुमन जैन भी उपस्थित रहीं ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती प्रेम हंस जी ने की एवं विशेष अतिथि रहे श्री सुभाष शर्मा जी । तकनीकी सहयोग ‘सेवा पोईंटकुक’ की ओर से राजेन्द्र कक्कड़ जी ने किया । कार्यक्रम का सरस संचालन का दायित्व श्री अविनाश बागड़े जी ने किया।
कार्यक्रम का आरंभ अमिता शाह द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। स्वागत भाषण डॉ मीनू पाण्डेय नयन, भोपाल ने दिया।
कार्यक्रम में प्रस्तुत रचनाऐं इस प्रकार हैं:
1. सर्व प्रथम डॉ. मंजरी पांड़ेय जी को बुलाया गया । उन्होंने एक के बाद एक दो गज़लों से समाँ बाँध दिया ।
है हंसीं रात बस चले आओ
बहके जज़्बात बस चले आओ ।
2. श्री अनिल मालोकरजी ने अपनी शैली में कुछ व्यंग रचनाएँ सुना कर माहौल खुशनुमा कर दिया ।
3. नीता व्यास जी ने दो कविताएं प्रस्तुत कीं ।
1.कुछ उम्मीदों में कटतीं हैं रातें
काश..सुबह की सुर्खियों में
नहीं होगी युद्ध की बातें..
2. फिरोती के तोर पर अपना अस्तित्व लुटा दिया..
4. श्री विवेक कविश्वर जी
1 मेघा तुम तब तक बरसो
2 गंगा तट पर काक स्पर्श को तरस रहे कुछ पिंडों से
5. श्री ऋषि श्रृंगारी जी
1. लिखे कुछ गीत मैंनें भी
उन्हें अब गुनगुनाता हूं
कबीरा सूर तुलसी जायसी को
घर बुलाता हूं
2. बात है जो अनकही सी
तुम कहो तो बोल दूं
मात्र ढ़ाई आखरों का
बोलिए क्या मोल दूं
6. श्री सुभाष शर्माजी
1. मैं पतझड़ के पत्तों जैसा
यूं ही रोज़ बिखरता हूं
रोज अधूरे सपने लेकर
सोता हूं और जगता हूं
2. जलेबी पर कविता
है मोड़ मगर कोई जोड़ नहीं
रूप रंग की होड़ नहीं
कार्यक्रम में देश विदेश के अनेक साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिति दी।
आभार व विवेचन श्री सुभाष शर्मा जी ने किया । अंत प्रेम हंस जी के शांति पाठ से हुआ ।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
