हिन्दी लेखिका संघ म.प्र.सागर ने नववर्ष का स्वागत काव्य गोष्ठी से किया

हिन्दी लेखिका संघ म.प्र.सागर ने नववर्ष का स्वागत काव्य गोष्ठी से किया

सागर।
हिंदी लेखिका संघ म.प्र.सागर इकाई के हिंदू नव वर्ष पर काव्य गोष्ठी संस्था सलाहकार डॉ.छाया चौकसे के संयोजन में आयोजित की गई। डॉ.सुश्री शरद सिंह की अध्यक्षता एवं डॉ. विजयलक्ष्मी दुबे के मुख्य आतिथ्य व श्यामलम संस्था के संयोजक उमाकांत मिश्र, पाठक मंच के संयोजक आर. के. तिवारी एवं कवि डॉ नलिन जैन और उपन्यासकार प्रदीप पांडे के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुई ।प्रथम सरस्वती पूजन के साथ श्रीमती शशि दीक्षित एवं कंचन केसरवानी ने सरस्वती वंदना का गायन किया। गोष्ठी का सफल संचालन डॉ. छाया चौकसे ने किया।काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सुश्री डॉ. शरद सिंह ने हिंदी लेखिका संघ की प्रशंसा करते हुए कहा कविता जो भावनाओं को उद्दीप्त करे एवं विचारों को सरस ,रसमय बना दे वही काव्यहै। अभिव्यक्ति की सशक्त शैली काव्य को मंच प्रदान करके हिंदी लेखिका संघ महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है जिसके लिए उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए ।इस मंच ने कई कवयित्रियों की छुपी प्रतिभा को ना केवल सामने लाया है बल्कि उन्हें कवयित्री के रूप में प्रतिष्ठा भी प्रदान की है। लेखिका संघ को अब कथा लेखन, ललित लेखन आदि पर वर्कशॉप भी करने चाहिए ।इससे उनके चिंतन का विस्तार होगा एवं गज़ल “सोचता होगा रख वह उंगलियों को गाल पर, छोड़ आए हैं संदेशा काढ़कर रुमाल पर ” पेश की।
संस्था अध्यक्ष सुनीला सराफ ने स्वागत भाषण देते हुए कहा इसके पहले सिर्फ महिलाएं ही हमारी काव्य गोष्ठी का हिस्सा होती थीं अब नव वर्ष पर हमने वरिष्ठ साहित्यकारों को आमंत्रित कर एक नया आयाम जोड़ दिया है जो हमारे मार्गदर्शक होंगे। उन्होंने “अक्षय ज्योति जले मात की” भजन प्रस्तुत किया।गोष्टी की मुख्य अतिथि डॉ. विजयलक्ष्मी दुबे ने महिलाओं के महत्व को उजागर करते हुए कहा अब आप ही संज्ञान हो मातृशक्ति आगे आओ। उमाकांत मिश्र ने महिलाओं के काव्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अपनी रचनाओं को प्रकाशित जरूर करवाएं। आर. के. तिवारी ने “बुढ़ापा आ गया अब हो गए हम लाचार” कविता प्रस्तुत की। डॉ नलिन जैन ने नव वर्ष पर कविता प्रस्तुत करते हुए हुए कहा “नव वर्ष आया आइए स्वागत करें दुर्गा मां के उपासक हम भक्ति करें।” संस्था सचिव डॉ. चंचला दवे ने पत्रों के महत्व को बताते हुए “मैं प्रिये तुमको खत लिखता हूं ” कविता पढ़ी।डॉ. छाया चौकसे ने हिंदू नव वर्ष के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा आओ हम इसका स्वागत करें देश का सम्मान करें “।डा. नम्रता फुसकेले एवं एडवोकेट रश्मि ऋतु ने हास्य एवं श्रृंगार रस की कविताएं पढ़ी।काव्य गोष्ठी में उषा बर्मन,क्लीं राय,मधु गुप्ता, विनीता केशरवानी , देवकी नायक भट्ट दीपा, जयंती सिंह, विनीता केसरवानी, शशि दीक्षित, कंचन केशरवानी ने अपनी कविताओं से एक खुशनुमा माहौल बना दिया।

डॉ चंचला दवे सागर

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