

होली वो त्योहार है जीवन एक हो जाय
तन की होली में दिखें
लाल,नीले ,पीले रंग
मन की होली खेलिए,
ले सद्भावना संग
रिश्तों में मिठास हो
रखें,मधुरता पास
सुमधुर, निज अहसास दें
है यही मिष्ठान्न खास
एक दूजे के रंग रँगे
भेद न मन मे आय
होली वो त्योहार है
जीवन एक हो जाये
हँसी, ठिठोली,दे जाए
सबको ही अपनत्व
रंग प्रगाढ़,चढ़, मन रंगें
ऐसा हो घनत्व
पर्व तभी ही पर्व हैं
जब रखें पर्व का मान
जाति, धर्म के भेद मिटें
हैं सब इन्सान, समान
जग तो एक परिवार है
सब के दुःख, सुख एक
एक,दूजे की पीड़ा हरें
ब्रज,प्रयत्न रहें न शेष
डॉ ब्रजभूषण मिश्र
भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
