राष्ट्र-चेतना – गोकुल सोनी , भोपाल

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73 वें गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।

राष्ट्र-चेतना

जगाओ ‘राष्ट्र-चेतना’ प्रखर
उठें ज्यों ‘सिन्धु-ज्वार’ की लहर
अनंत कंठ गा उठें वो स्वर
‘स्वतंत्रता’ अमर रहे, ‘अमर’

छुपे जो देश में बने हैं ‘ख़ास’
अनेक ‘शत्रु’ कर रहे प्रयास
झुका ना पाए देश का वो ‘भाल’
प्रचंड ‘सैन्य-बल’ बना है ‘काल’

उठो, सुनो, ये वक़्त की पुकार
उजड़ ना पाए देश की ‘बहार’
ह्रदय भरो अखण्ड ‘देश-भक्ति’
उठो युवा, उठो हे नारी-शक्ति

उठो अधेड़, वृद्ध, और बाल
‘उरों’ से काट दो तिमिर का जाल
फड़क उठें भुजायें जो ‘अनंत’
समझ ले शत्रु आ गया है ‘अंत’

गगन गुंजा दें, एकता के स्वर
जगाओ ‘राष्ट्र-चेतना’ प्रखर

गोकुल सोनी ,
भोपाल

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