

स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत पशुपालन के क्षेत्र में उद्यमिता विकास विषय पर व्याख्यान माला एवं युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन
इटारसी।
महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश परिप्रेक्ष्य में ‘पशुपालन के क्षेत्र में उद्यमिता विकास विषय पर व्याख्यान माला एवं युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन’ किया गया। जिसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में पशु चिकित्सक शल्यज्ञ डॉ. ज्योति नवड़े एवं डॉ. दीपिका तेकाम उपस्थित थी। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. आर. एस. मेहरा ने बताया कि पशुपालन कृषि विज्ञान की वह शाखा के जिसके अंतर्गत विभिन्न पक्षों जैसे- भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य, प्रजनन आदि का अध्ययन किया जाता है। इस व्याख्यान माला का मुख्य उद्देश्य छात्राओं एवं समाज में स्वयं का रोजगार स्थापित करना है। डॉ. नवड़े ने पशुपालन में रोजगार हेतु कुक्कुट पालन एवं बकरी पालन की योजनाओं की जानकारी तथा पशुओं की विभिन्न बिमारियों व मैत्री प्रशिक्षण की जानकारी प्रदान की, साथ ही के.सी.सी. एवं राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना तथा पशुपालन में विभिन्न प्रकार के रोजगार से अवगत कराया। डॉ. तेकाम ने पशुपालन में बढ़ते क्रम में रोजगार हेतु केन्द्र सरकार के ”राष्ट्रीय पशुधन मिशन” के तहत पशुपालन को बढ़ावा देकर आर्थिक रूप से सशक्त करने का प्रयास किया जा सकता है। डॉ. संजय आर्य ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुपालन का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। देश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि एवं पशुपालन पर आधारित है, इसलिए पशुपालन में रोजगार स्थापित कर अधिक आय प्राप्त कि जा सकती है। प्रकोष्ठ प्रभारी श्री स्नेहांशु सिंह ने बताया कि पशुपालन आधारित उद्योगों के माध्यम से पशुओं द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार अवसरों का निर्माण किया जा सकता है। इस अवसर डॉ. श्रीराम निवारिया, डॉ. हरप्रीत रंधावा, श्रीमती मंजरी अवस्थी, श्रीमती पूनम साहू, डॉ. मुकेश चंद्र बिष्ट, श्री रवीन्द्र कुमार चौरसिया, श्री अमित कुमार, डॉ. शिरीष परसाई, डॉ. पुनीत सक्सेना, कु. क्षमा वर्मा एवं छात्राऐं उपस्थित रहे।
डॉ. आर. एस. मेहरा
प्राचार्य

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
