

बेमिसाल जी जिन्दगी
जिन्दगी भर बेलगाम जी जिन्दगी
हर वक्त,इस काम,उस काम जी जिंदगी
ठहरे नहीं, पलटे नहीं, देखा नहीं
किस किस, काम जी जिन्दगी
अभाव,भूख,तरक्की,घर,बाल बच्चे
करते रहे,बहुत इंतजाम,जी जिन्दगी
अपने लिये, मन के लिये, अपनो के लिए,कम जिये
लगता ,इस पड़ाव पर,तमाम की ,जिन्दगी
बचा जो वक्त है,सोचने में लगा कर
शौक करें, पूर्ण हम,लगे न ,किस काम, जी जिन्दगी
विदा हों तो न रहे,न मन मे, मलाल दोस्त
जैसे भी रहे ब्रज,बेमिसाल जी,जिन्दगी
डॉ ब्रजभूषण मिश्र
भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
