काव्य भाषा : श्रद्धांजलि : नायक अखंड राष्ट्र के तुम्हीं – सपना सक्सेना दत्ता “सुहासिनी

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श्रद्धांजलि : नायक अखंड राष्ट्र के तुम्हीं

होठों पर मुस्कान मधुरतम, मन में प्रबल धरे विश्वास।
नायक अखंड राष्ट्र के तुम्हीं, रचा नवल भारत इतिहास ।।

जिस पल भी नापाक पड़ोसी, ने छेड़ा कोई भी तार ।
शौर्य धैर्य सम्मान सहित ही, प्रत्युत्तर देते हर बार ।।

जाने कितने ही विषयों पर, सोच समझकर काम किया ।
अदभुतम रणनीतिकार ने, विश्व पटल पर नाम किया ।।

पहली गोली नहीं हमारी, लेकिन सुन लो उसके बाद ।
नहीं करेंगे गिनती कोई, चलें गोलियाँ बिन तादाद ।।

सेना के आधुनिकीकरण को, पूर्ण किया जो धरा विचार ।
शिल्पकार रक्षा सौदों के, वाणी में थी अद्भुत धार ।।

भारत के पहले सीडीएस, जनरल के पद आए आप ।
छोड़ चले असमय भारत को, क्रूर काल बनता अभिशाप ।।

सदा सुहागन साथ चली है, मधुलिका सती शुभ भान।
रावत श्री मुख मोड़ चले हैं, साथ गए कुछ और जवान ।।

भारत माता फफक रही है, व्यथित हृदय होती बेहाल ।
एक साथ चौदह को खोना, सारे थे भारत के लाल ।।

अद्भुत अतुलित पराक्रमी तुम, जनरल रावत अश्रु अशेष।
सुहासिनी देती श्रद्धांजलि, हृदय विदारक विषम विशेष।।

सपना सक्सेना दत्ता “सुहासिनी”

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