

पाठक मंच गोष्ठी में हुई पुस्तक तत्वमसि पर प्रभावी
चर्चा
सागर।
साहित्य अकादमी म.प्र. संस्कृति परिषद के स्थानीय उपक्रम पाठक मंच सागर की पुस्तक समीक्षा गोष्ठी रविवार को आदर्श संगीत महाविद्यालय सागर के सभाकक्ष में संपन्न हुई। गोष्ठी में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त गुजराती उपन्यास *तत्वमसि* (मूल लेखक ध्रुव भट्ट) के डॉ. रंजना अरगड़े द्वारा हिन्दी में अनुवादित पुस्तक पर चर्चा की गई।
पुस्तक पर अपने समीक्षा वक्तव्य में प्रमुख वक्ता, कवि व लेखक डॉ. विनीत मोहन औदिच्य ने कहा कि यह उपन्यास एक ऐसे नायक की कथा कहता है जो स्वयं के आत्मान्वेषण की प्रक्रिया संघर्ष करते मनुष्यों के मध्य रहते हुए प्रारंभ करता है। वह स्वयं इस प्रक्रिया से अनभिज्ञ है। घोर विरोध से प्रारंभ हुई उसकी यात्रा अंततः स्वीकृति में समाप्त होती है। नर्मदा की भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं जीवंत उपस्थिति इस उपन्यास की विशेषता है। रंजना अरगड़े जी द्वारा हिंदी अनूदित तत्वमसि में उपन्यास के सभी तत्वों के साथ न्याय करते हुए रोचकता के साथ प्रस्तुत किया गया है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि संस्कृतिविद् डॉ.कविता शुक्ला ने कहा कि हर भाषा अपने अंचल की संस्कृति को एक महानदी की तरह अपने में प्रवाहित करते हुए चल रही है। अब वह समय आ गया है कि हिंदी जैसी प्रमुख भारतीय भाषा में समस्त भारतीय भाषाओं का श्रेष्ठ साहित्य उपलब्ध होना चाहिए। अनुवाद को आधुनिक मनुष्य की चेतना का आवश्यक विस्तार बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे वर्तमान काल में समीक्षा का स्तर काफी उन्नत हो चुका है परंतु अभी भी समीक्षा का मूल उद्देश्य श्रेष्ठ रचना को प्रोत्साहित करने का है लेकिन इसके साथ – साथ मर्यादित और संतुलित स्तर पर रचनाकारों की कमियों की ओर इशारा किया जाना भी आवश्यक है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में विदुषी लेखिका डॉ.चंचला दवे ने पाठक मंचों में चर्चा हेतु उच्च स्तरीय पुस्तकें भेजे जाने के लिए साहित्य अकादमी की प्रशंसा करते हुए कहा कि गुजराती साहित्य का अपना समृद्ध भंडार है ।गुजराती भाषा भी आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में से एक है। उन्होंने गुजरात के भक्त कवि नरसिंह मेहता, जैन मुनि हेमचंद्राचार्य,प्रथम लेखक नर्मद आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि पुस्तक पर अपने समीक्षा वक्तव्य में अनुवाद की महत्ता पर प्रमुख वक्ता डॉ.विनीत मोहन द्वारा की गई टीका सराहनीय है।
कार्यक्रम का स्तरीय और प्रशंसनीय संचालन म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मेलन सागर के अध्यक्ष आशीष ज्योतिषी ने किया। बुंदेली गायक देवी सिंह राजपूत ने
सरस्वती वंदना का मधुर गायन किया। पाठक मंच सागर के केंद्र संयोजक आर.के.तिवारी ने स्वागत उद्बोधन व लेखक परिचय दिया साथ ही अतिथियों को साहित्यिक पुस्तक, पुष्पगुच्छ, फेस मास्क तथा प्रशंसा पत्र भेंट कर उनका अभिनंदन किया। स्वर संगम संस्था के अध्यक्ष हरिसिंह ठाकुर ने आभार प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर शिवरतन यादव,सुश्री डॉ.शरद सिंह, डॉ. श्याम मनोहर सीरोठिया,उमा कान्त मिश्र,
मुन्ना शुक्ला,श्रीमती संतोष तिवारी,बिंद्रावन राय सरल, सुरेंद्र शुक्ला, राजेंद्र दुबे कलाकार, मुकेश तिवारी, ज.ला. राठौर प्रभाकर, डॉ.रामरतन पांडे,हरी शुक्ला, अशोक तिवारी अलख,एम. शरीफ, डॉ. विनोद तिवारी, पूरन सिंह राजपूत, पुष्पेंद्र दुबे, अर्पित तिवारी, अतुल श्रीवास्तव, डॉ. अंजना चतुर्वेदी तिवारी, मनोज तिवारी, अलका सिद्धार्थ शुक्ला, सपना शुक्ला, मितेंद्र सिंह सेंगर, प्रभात कटारे, मुकेश निराला, दामोदर चक्रवर्ती,धीरेंद्र सेन,सुनील सेन आदि उपस्थित रहे।
चंचला दवे,सागर

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।

अत्यंत सुंदर एवं उत्कृष्ट कार्यक्रम की बधाई ?????