काव्य भाषा : दीपावली का पावन त्योहार -श्रीमती शेफालिका सिन्हा रांची, झारखंड

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दीपावली का पावन त्योहार

गणेश -लक्ष्मी
दिया -बाती
खील -बताशा
फुलझड़ी -पटाखा
ही नहीं है,
दीपावली का पावन त्योहार।

साफ -सफाई
पूजा -पाठ
कर्म -कांड,
ही नहीं है
दीपावली का पावन त्योहार।

राग -द्वेश
शिकवा- शिकायत
लड़ाई-झगड़े
हैं हमारे अंधकार,
जिनको दूर करना,
ही है
दीपावली का पावन त्योहार।

जीवन में, समाज में
देश में
जहां -जहां भी है अंधकार
वहां प्रकाश फैलाना
और दूर भगाना
ही है,
दीपावली का पावन त्योहार।।

श्रीमती शेफालिका सिन्हा
रांची, झारखंड।

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