काव्य भाषा : जीवन का हर पल जियो – डॉ ब्रजभूषण मिश्र भोपाल

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जीवन का हर पल जियो

क्यों जाने दो, समय व्यर्थ
जीवन का हर पल, जियो
तुम हो समर्थ,दे सकते इसे अर्थ
अमृत है ये,घूँट, घूँट पियो

याद करो खुशियों के पल
पर्व,तीज,त्योहार,हर वार
विवाह,और सबके जन्मदिन
हरषो, वस्त्र खुशियों के सियो

गिने मिले हैं ,सबको पल छिन
जियो,आल्हादित ,हर दिन
विदा करो,दुख के सब क्षण
ब्रज,आओ मेरे संग भी,जियो

डॉ ब्रजभूषण मिश्र
भोपाल

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