

ग़ज़ल
वो जो हर पेच ओ ख़म समझता है
मेरी बातों को कम समझता है
सिर्फ पानी पे फूंक देने को
कितना नादाँ है दम समझता है
जो मुसीबत से यार गुज़रा है
दूसरों का भी ग़म समझता है
कितना पागल है वो सिपाही भी
बन्द गोभी को बम समझता है
तुझको माचिस की क्या ज़रूरत है
अपनी बीवी को कम समझता है
मुझ से रिश्ता वो तोड़ कर रहबर
खुद को अब भी वो हम समझता है
रहबर गयावी उर्फ़ चोंच गयावी
पटना बिहार

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।

वाह