काव्य भाषा : ये सुन्दर लड़कियां – डॉ ब्रजभूषण मिश्र भोपाल

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ये सुन्दर लड़कियां

ये सुन्दर लड़कियां
जीती हैं जीवन
जीतती हैं
जीवन,
पत्नी,भाभी,मां बन
घर,शाला,ऑफिस में
व्यस्त रहतीं
बुनती है भविष्य
स्वेटर सा
उलझती,सुलझती
घर,परिवार बेटे बेटियों
और पति में बंटती
सेकती हैं
सम्पूर्ण परिवार की
रोटियां
रोपती है पौधा
स्नेह और प्यार का
देती हैं फसलें
जीवन की सफलता की,
रख देती ईंटें
बच्चों के घर,परिवार की
जीते जाती हैं जीवन
सहारे प्यार के,सम्मान के
या कभी आंसुओं की
शक्ति से
ये लड़कियां,
सुन्दर होती हैं
बहुत सुन्दर होती हैं
ये लड़कियां

डॉ ब्रजभूषण मिश्र
भोपाल

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