

हिंदी महोत्सव के अंतर्गत राजभाषा सप्ताह मनाया
“काव्य मंजरी साहित्यिक मंच (रजि)” द्वारा हिंदी भाषा के सम्मान में आयोजित हिंदी महोत्सव को “राजभाषा सप्ताह” (१४ से २० सितंबर २०२१) के रूप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया गया जो दो भागों में आयोजित हुआ। इस द्वय आयोजन में मंच के कुल ६८ रचनाकारों ने भाग लिया। प्रतिदिन गूगल मीट पर काव्य गोष्ठी हुई जिसमें ५३ रचनाकारों ने काव्य पाठ किया। हिंदी दिवस पर ७ पुस्तकों का ऑनलाइन लोकार्पण हुआ और साथ ही प्रतिदिन मंच पर विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। इस महोत्सव में कुल ९८ सम्मान-पत्र देकर रचनाकारों को सम्मानित किया गया।
काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता देहरादून उत्तराखंड से निशा ‘अतुल्य’ जी ने की। मुख्य अतिथि रहीं कैलिफ़ोर्निया यू एस ए से साक्षी कपूर अरोड़ा जी और गाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश से गीतांजलि गीत जी। विशिष्ट अतिथि रहे चंडीगढ़ से श्री एम एल अरोड़ा जी और मंच संरक्षक डॉ आभा नागर जी ने भी आसन ग्रहण कर मंच की शोभा बढ़ाई। सभी को “अभिनंदन-पत्र” देकर उनका सम्मान किया गया।
मोहाली पंजाब की कवयित्री नेहा शर्मा ‘नेह’ ने सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना गाकर माँ का आवाह्न किया। उनको “वाग्देवी सम्मान” से अलंकृत किया गया।
इस गोष्ठी के आकर्षण का केंद्र रही हमारी संचलिकाएँ। सातों दिन विभिन्न प्रदेश से नियुक्त संचालिकाओं ने अपने अंदाज़ से सबका मन मोह लिया। सुश्री पदमा शर्मा ‘आँचल’ जी (पश्चिम बंगाल), सुश्री माधुरी शर्मा ‘मधुर’ जी (हरियाणा), सुश्री नीलिमा शर्मा ‘नित्या’ जी (राजस्थान), सुश्री अनुराधा द्विवेदी जी (छत्तीसगढ़), सुश्री प्रतिभा गुप्ता ‘प्रबोधिनी’ जी (उत्तर प्रदेश), सुश्री ममता कानूनगो जी (मध्य प्रदेश), सुश्री मंजु दत्ता जी (दिल्ली)। सभी ने आत्मविश्वास, मधुरता, विनम्रता और सरलता के साथ सभी के सम्मान का ध्यान रखते हुए मंच को बांधे रखा। सभी को “भाषा प्रतिभा सम्मान” से सम्मानित किया गया।
हिंदी दिवस पर सात पुस्तकों का ऑनलाइन लोकार्पण भी किया गया। कहानी संग्रह –“सितारों से आगे” (श्री एम एल अरोड़ा ‘आज़ाद’ जी, चंडीगढ़), काव्य संग्रह –“पल-पल निखरे रूप” (डॉ स्वदेश मल्होत्रा ‘रश्मि’, अयोध्या, उत्तर प्रदेश), काव्य संग्रह –“मन मेदिनी” (सुश्री रेखा गुप्ता जी, लखनऊ, उत्तर प्रदेश), संस्मरण संग्रह –“यादों का समन्दर” (सुश्री नेहा शर्मा ‘नेह’, चंडीगढ़), लघु कथा संग्रह — “कथा मंजरी” (सुश्री सीमा गर्ग ‘मंजरी’, मेरठ, उत्तर प्रदेश), कहानी संग्रह –” रिश्तों की डोर” (सुश्री नीरू मित्तल ‘नीर’, पंचकूला हरियाणा), समर्पित काव्य भाव –“अनुभूतियाँ” (डॉ नीरजा मेहता ‘कमलिनी’, गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश)। सभी को “राजभाषा गौरव सम्मान” से सम्मानित किया गया।
प्रतिदिन मंच पर विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं जिसमें मंच के रचनाकारों ने अति उत्साह और उमंग के साथ भाग लिया। वाद-विवाद प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, तुकबंदी प्रतियोगिता, जुगलबंदी प्रतियोगिता, प्रेरक वाक्य प्रतियोगिता, सेल्फी शीर्षक प्रतियोगिता आदि में सभी का उत्साह देखते ही बनता था। विजेताओं को सम्मानित भी किया गया। प्रथम को भाषा शिरोमणि सम्मान, द्वितीय को भाषा रत्न सम्मान, तृतीय को भाषा प्रहरी सम्मान से सम्मानित किया गया। वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को “भाषा भूषण सम्मान” और नुक्कड़ नाटक के विजेताओं को “भाषा भारती सम्मान” दिया गया।
प्रतियोगिता के निर्णायकों की भूमिका मंच की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ‘नेहा शर्मा ‘नेह’, राष्ट्रीय महासचिव पदमा शर्मा ‘आँचल’ और राष्ट्रीय समन्वयक विजय कनौजिया ‘माही’ ने निभाई। मंच के प्रति उनकी निष्ठा के लिए और निष्पक्ष निर्णय देने के लिए उनको अभिनंदन-पत्र देकर उनका सम्मान किया गया।
कुछ विशिष्ट सम्मान भी दिए गए। हिंदी भाषा के प्रति अगाध निष्ठा और रचनाधर्मिता के लिए ३३ रचनाकारों का चयन किया गया। १७ रचनाकारों को “भाषा-भाव सम्मान” से और १६ रचनाकारों को “भाषा कीर्ति सम्मान” से सम्मानित किया गया।
“साधना से सिद्धि तक”– मंच के स्लोगन को पूर्णता पर पहुँचाता इस आयोजन की आयोजक, संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष गाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश की डॉ नीरजा मेहता ‘कमलिनी’ ने अंत में सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई दी और सबकी लेखनी उत्तरोत्तर प्रगति करे इसके लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं। प्रतिभागिता से आयोजन को सफल बनाने के लिए मंच का आभार व्यक्त करते हुए राष्ट्र गान से आयोजन की समाप्ति की।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।
