काव्य भाषा : जाति धर्म में बाँट दिया – प्रो. आर एन सिंह वाराणसी

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जाति धर्म में बाँट दिया…….

जाति धर्म में बाँट दिया क्यों हमने भारत देश
नफ़रत ईर्ष्या द्वेष भरा नित देते हैं उपदेश

भाईचारा बिखर चुका है संशय का परिवेश
कालिनेम मिल कथा सुनाते बढ़ जाता विद्वेष

जन्मभूमि तो एक ही सबकी इसका हो एहसास
एक सूत्र में बंध जाएँ तो बढ़ जाए विश्वास

कुछ लोगों को अमन की बातें लगती हैं बकवास
जलेगी कैसे ग़ैर बस्तियाँ करते सदा क़यास

हम भी भेंडों जैसे ही है अक़्ल नहीं है शेष
हांक रहे हैं हनें गड़ेरिए बदल – बदल कर भेष

पढ़े लिखे भी ओझा सोखा के जाते हैं पास
झाड़ फूंक से स्वस्थ रहेंग़े रखते हैं ये आस

ज्ञान और विज्ञान से जुड़िए करिए नेक प्रयास
साहिल जीवन सुखमय होगा हंसी ख़ुशी परिहास

प्रो. आर एन सिंह
वाराणसी

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